लालू ने अमित शाह पर साधा निशाना, बोले- 'नरभक्षी और तड़ीपार बिहार को न सिखाए सदाचार'
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लालू ने अमित शाह पर साधा निशाना, बोले- 'नरभक्षी और तड़ीपार बिहार को न सिखाए सदाचार'

लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ओर से लगाए गए आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। लालू ने ट्वीट कर कहा, 'एक नरभक्षी एवं तड़ीपार बिहार को सदाचार ना सिखाए।

लालू ने अमित शाह पर साधा निशाना, बोले- 'नरभक्षी और तड़ीपार बिहार को न सिखाए सदाचार'

नई दिल्ली: आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ओर से लगाए गए आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। लालू ने ट्वीट कर अमित शाह को कहा, 'एक नरभक्षी एवं तड़ीपार बिहार को सदाचार ना सिखाए। पहले स्वंय के कुकर्म एवं खुद पर लगी सारी जघन्य धाराओं के बारें में चिल्ला कर लोगों को बताए।'

गौरतलब है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को बेगूसराय में एक सभा में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा चोर और जंगलराज का जनक कहा था। इसके बाद लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया ट्वीटर पर अमित शाह को खूब खरी खोटी सुनाई। लालू ने अमित शाह को नरभक्षी और तड़ीपार तो कहा ही साथ ही जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग भी कर डाली।

 

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि बीजेपी की इतनी औकात नहीँ कि हमारे आरक्षण पर पुनर्विचार करे। अमित शाह और उनकी कंपनी यह जान ले कि हम अपनी संख्या के बराबर आरक्षण लेकर रहेंगे।

 

गौर हो कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था ‘नीतीश और लालू बहुत सयाने राजनीतिक नेता हैं। वे जानते हैं कि यदि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा गया तो उनकी हार एवं भाजपा की जीत पक्की है। लालू अब एक नये हथकंडे के साथ आए हैं कि यदि भाजपा सरकार बनती है तो वह आरक्षण खत्म कर देगी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं यह बताना चाहता हूं कि वह सफेद झूठ बोल रहे हैं। भाजपा आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें कोई बदलाव नहीं चाहती। हमारे कार्यकर्ता प्रत्येक घर में जाएंगे और यह बताएंगे। लालू एवं नीतीश लोगों को गुमराह करना चाहते हैं और लोगों को वास्तविक मुद्दे से दूर ले जाना चाहते हैं। भाजपा दलितों एवं पिछड़ों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।’

नीतीश एवं लालू, दोनों ने आरक्षण की समीक्षा करने के भागवत के हालिया सुझाव को तुरंत मुद्दा बनाते हुए इस बात की आशंका जतानी शुरू कर दी थी कि सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्गों एवं दलितों का आरक्षण समाप्त करने के आसार हैं। आरएसएस के मुखपत्रों पांचजन्य एवं आर्गेनाइजर में भागवत के साक्षात्कार में की गयी इस टिप्पणी से राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। भाजपा एवं मोदी सरकार ने इस टिप्पणी से सार्वजनिक तौर पर अपने को अलग कर लिया।

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