Amravati Murder Case का WhatsApp कनेक्शन! ब्लैक फ्रीडम ग्रुप के जरिए रची गई थी हत्या की साजिश
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Amravati Murder Case का WhatsApp कनेक्शन! ब्लैक फ्रीडम ग्रुप के जरिए रची गई थी हत्या की साजिश

Black Freedom Group: महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है और पता चला है कि कत्ल का ब्लैक फ्रीडम ग्रुप (Black Freedom Group) का कनेक्शन सामने आया है.

Amravati Murder Case का WhatsApp कनेक्शन! ब्लैक फ्रीडम ग्रुप के जरिए रची गई थी हत्या की साजिश

Black Freedom Group in Amravati Murder Case: महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या (Umesh Kolhe Murder Case) में बड़ा खुलासा हुआ है. नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने की वजह से उमेश कोल्हे के कत्ल का ब्लैक फ्रीडम ग्रुप (Black Freedom Group) का कनेक्शन सामने आया है. ब्लैक फ्रीडम ग्रुप से ही उमेश कोल्हे की हत्या की साजिश की शुरुआत हुई. उमेश कोल्हे और उनका दोस्त डॉ यूसुफ दोनों व्हाट्एप ग्रुप ब्लैक फ्रीडम से जुड़े हुए थे. उमेश कोल्हे ने नूपुर शर्मा के समर्थन में जो पोस्ट ब्लैक फ्रीडम में डाली. उसके बाद कोल्हे का पोस्ट वायरल हो गया, जो उनकी मौत की वजह बनी.

ब्लैक फ्रीडम ग्रुप से रची गई थी हत्या की साजिश

ब्लैकफ्रीडम व्हाट्सऐ ग्रुप से उमेश कोल्हे की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसकी पूरी कहानी बहुत चौंकाने वाली है. उमेश कोल्हे ने 14 जून को नूपुर शर्मा के समर्थन वाली पोस्ट व्हाट्सएप ग्रुप ब्लैक फ्रीडम में डाली थी. कोल्हे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन वाला पोस्ट 20 जून को फॉरवर्ड किया था. कैसे ये पोस्ट ब्लैक फ्रीडम ग्रुप से निकलकर बाहर आई और आरोपियों के व्हाट्सएप ग्रुप तक पहुंच गई.

उमेश कोल्हे के पोस्ट को किसने आरोपियों तक पहुंचाया?

सवाल उठता है कि व्हाट्सएप ग्रुप ब्लैक फ्रीडम में वो कौन शख्स था, जिसने उमेश कोल्हे के पोस्ट को कत्ल के आरोपियों तक वायरल किया. वो शख्स कोई और नहीं उमेश कोल्हे का दोस्त डॉ यूसुफ था और दोनों की दोस्ती 15 साल पुरानी थी. डॉ यूसुफ भी व्हाट्सएप ग्रुप ब्लैक फ्रीडम का सदस्य था.

नूपुर शर्मा से समर्थन की वजह से टूट गई 15 साल पुरानी दोस्ती

डॉ यूसुफ और उमेश कोल्हे जिगरी दोस्त थे, लेकिन 15 साल पुरानी ये दोस्ती उस वक्त टूट गई जब उमेश कोल्हे ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में पोस्ट को फॉरवर्ड किया. पुलिस के मुताबिक डॉ यूसुफ ही वो शख्स था, जिसने ब्लैक फ्रीडम ग्रुप में उमेश कोल्हे के पोस्ट को रहबरिया ग्रुप में भेज दिया, जिसमें हत्याकांड का मुख्य आरोपी इरफान खान भी एडमिन था.

उमेश कोल्हे अमरावती शहर में मेडिकल स्टोर चलाते थे और पशुओं के इलाज की दवाई रखते थे. डॉ यूनुस भी वेटनेरी डॉक्टर है, इसलिए दोनों में अच्छी दोस्ती थी. एक-दूसरे के घर भी आना-जाना था, लेकिन इसके बावजूद डॉ यूसुफ ने सालों की दोस्ती एक पोस्ट शेयर करने की वजह से तोड़ दी और दोस्ती की पीठ पर खंजर घोंप दिया. 

NIA की जांच में हुए कई खुलासे

NIA की जांच में और भी कई खुलासे हुए हैं. जांच में पता चला है कि हत्या के मास्टरमाइंड इरफान शेख ने दूसरे आरोपी को 10 हजार रुपये और बाइक दी थी. इस मामले में आठवां आरोपी शमीम अभी फरार है. पुलिस ने अब तक 2 बाइक और 3 चाइनीज चाकू बरामद किए हैं. इरफान शेखर अमरावती में एक एनजीओ चलाता है और उसके बैंक खातों की भी जांच हो रही है. उमेश हत्याकांड में गिरफ्तार सातों आरोपियों को अमरावती डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 8 जुलाई तक ट्रांजिट रिमांड में भेज दिया है. NIA को सभी आरोपियों को 8 जुलाई या उससे पहले कभी भी मुंबई के विशेष NIA कोर्ट में पेश करना होगा.

आरोपी इरफान खान पर इंदौर में चल रहा रेप का मामला

जांच में आरोपी इरफान शेख के बारे में ये भी पता चला है कि उस पर इंदौर में रेप का मामला भी चल रहा है. अमरावती पुलिस कमिश्नर आरती सिंह ने कहा कि इन आरोपी से मिलता हुआ हमें कोई लिंक नहीं मिला. शुरुआत में यह एक ब्लाइंट केस था. हमें उस समय थ्योरी पर काम करना पड़ा. बहुत संवेदनशील केस था. इस थ्योरी के कुछ सबूत मिले तब हमने इस पर काम करना शुरू किया.

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