Balasore Train Accident: कहीं फिर ना हो जाए बालसोर जैसा हादसा, मशीनों में फॉल्ट से इंजीनियर भी हैरान
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Balasore Train Accident: कहीं फिर ना हो जाए बालसोर जैसा हादसा, मशीनों में फॉल्ट से इंजीनियर भी हैरान

ट्रेनों की आवाजाही पर नजर रखने वाली मशीनों में फॉल्ट से इंजीनियर भी हैरान हैं. उनका मानना है कि इस दिशा में गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. ऐसा नहीं होने पर बालासोर जैसी दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी.

Balasore Train Accident:  कहीं फिर ना हो जाए बालसोर जैसा हादसा, मशीनों में फॉल्ट से इंजीनियर भी हैरान

Balasore accident: जून के महीने में बालासोर में भीषण ट्रेन हादसा हुआ था, उस हादसे के बारे में जानकारी सामने आई कि तकनीकी और मानवीय खामी दोनों हादसे की वजह बने लेकिन अब चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है. रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए जो मशीनें लगीहैं उनमें खामी नजर आई है. रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों के बारे में सटीक जानकारी के लिए जो सेंशर मशीनें लगी हैं उनमें खराबी पाई गई है. 

मशीनों में फॉल्ट से इंजीनियर हैरान

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेनों की आवाजाही के लिए जो मशीन लगाई गई है वो कभी कभी जानकारी देती है. कभी किसी तरह का सिग्नल नहीं मिलता है. सेंसर मशीन के बारे में बताया गया है कि अगर यह किसी मेटल के संपर्क में आता है तो सिग्नल भेज देता है. आरडीएसओ ने भी इस पर चिंता जताई है. इंजीनियरों का कहना है कि अगर सेंसर मशीन की तरफ से गलत जानकारी स्टेशन मास्टर को मिलेगी तो वो गलत फैसला कर सकता है और फिर बालासोर जैसी घटना हो सकती है.

एमएसडीएसी में फॉल्ट परेशानी की वजह

ट्रेनों की आवाजाही के लिए जो मशीन लगाई गई है वो मल्टी सेक्शन एक्सल काउंटर का हिस्सा है, इसके जरिए दो प्वाइंट्स पर ट्रेन की स्थिति के बारे में पता लगाया जाता है. इसके जरिए ट्रेन के एक्सल की काउंटिंग होती है उससे पता चलता है कि ट्रेन स्टेशन पर है या निकल चुकी है या ट्रेन का कितना हिस्सा स्टेशन पर है. इससे यह भी पता चलता है कि कोई ट्रैक ट्रेन की आवाजाही के लिए खाली है या उस पर ट्रेन खड़ी है. 

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