महाराष्ट्र में गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ वसूली मामले का विवाद बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा है कि सरकार इस संकट से निकलने के लिए आज एक न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा कर सकती है.
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नई दिल्ली: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) के गंभीर आरोपों पर शिवसेना ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे से इनकार किया है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि सरकार को विपक्ष की गंदी राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए.
शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, 'महाराष्ट्र के राज भवन में बीजेपी के नेताओं का दो दिन से आना जाना और खाना पीना चल रहा है, उसे चलने दो. महाराष्ट्र में न्याय प्रक्रिया बहुत ही पारदर्शक है. वहां जांच मुख्यमंत्री की निगरानी में होती है. एंटीलिया- सचिन वझे मामले में विपक्ष गंदी राजनीति कर रहा है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा है कि उनके इल्जाम की जांच होगी और दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. दूध में किसने पानी मिलाया है, वो भी साफ़ हो जाएगा.'
राउत ने कहा कि सरकार को विपक्ष की गंदी राजनीति का शिकार नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो ये परंपरा बन जाएगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो बातचीत चलती है. उसमें ये है कि यूपीए का पुनर्गठन जरूरी है. यूपीए की लीडरशिप ऐसे नेता के हाथ में होनी चाहिए, जो देश के गैर बीजेपी दलों का संगठन बनाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार नहीं है तो वह एलजी के जरिए अपना अधिकार बनाने की हनक में जुटी है. अगर दिल्ली में एलजी ही सरकार चलाएंगे तो यहां पर चुने हुए सीएम का क्या मतलब है. कभी बीजेपी दिल्ली को संपूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात करती थी और आज चुने हुए प्रतिनिधियों का हक खत्म करने पर लगी हुई है. क्या यही लोकतंत्र है?
वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे महाराष्ट्र (Maharashtra) के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने बुधवार को सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को मराठी में एक पत्र लिखा. देशमुख ने बुधवार देर रात इस लेटर को अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर भी कर दिया. इस पत्र में देशमुख ने मुख्यमंत्री ठाकरे से आग्रह किया कि वे उनके खिलाफ पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) की ओर से लगाए गए आरोपो की जांच करवाएं. उन्होंने ट्वीट में लिखा,'अगर मुख्यमंत्री उनके खिलाफ जांच का आदेश देते हैं तो वे उसका स्वागत करेंगे. सत्यमेव जयते.'
मी माननीय मुख्यमंत्री महोदय यांना परमबीर सिंग यांनी माझ्यावर जे आरोप केलेत त्याबद्दल चौकशी लावून, "दूध का दूध, पानी का पानी" करावे अशी मागणी केली होती. माननीय मुख्यमंत्री महोदयांनी याची चौकशी लावली तर, मी त्याचे स्वागत करीन.
सत्यमेव जयते... pic.twitter.com/f2oJjFhO8A— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) March 24, 2021
पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) ने पिछले शनिवार को सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था. इस पत्र में पूर्व कमिश्नर ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख पूरे राज्य में 'मनी कलेक्शन स्कीम' चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार हुए सचिन वझे को मुंबई के डांस बार और रेस्टोरेंट से 100 करोड़ रुपये हर महीने उगाही का टारगेट दे रखा था. पूर्व आयुक्त के इन आरोपों पर सीएम उद्धव ठाकरे ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है. वहीं बीजेपी के लगातार आरोपों से राज्य की महाराष्ट्र विकास अघाड़ी अलायंस में गांठ पड़ती दिख रही है.
हालात संभालने के लिए अलायंस में शामिल NCP और कांग्रेस (Congress) की लगातार बैठकें चल रही हैं लेकिन अभी तक इस विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया है. NCP चीफ शरद पवार इस संकट को हल करने के अभियान को लीड कर रहे हैं. वे अपने पार्टी नेता और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख का लगातार बचाव कर रहे हैं. उधर बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस लगातार इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे हैं. राज्य के राज्यपाल भवन को ज्ञापन सौंपने के अलावा उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव से भी मुलाकात कर मेमोरेंडम दिया.
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सूत्रों का कहना है कि संकट में बीच का कोई रास्ता निकालने के लिए उद्धव सरकार जल्द ही मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन कर सकती है. सीएम उद्धव ठाकरे के आवास पर हुई बैठक में यह फैसला लिया जा चुका है. जिसकी आज घोषणा हो सकती है. प्रदेश सरकार मान रही है कि इस आयोग के बनने से विरोध के सुर दब जाएंगे और भ्रष्टाचार के आरोप भी धीरे-धीरे लोग भूल जाएंगे.
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