Arunachal Pradesh में भारत-चीन सीमा से दो युवक गायब, 52 दिन बाद भी कोई खोज-खबर नहीं, ड्रैगन पर गहराया शक
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Arunachal Pradesh में भारत-चीन सीमा से दो युवक गायब, 52 दिन बाद भी कोई खोज-खबर नहीं, ड्रैगन पर गहराया शक

Indo China Border: अरुणाचल में भारत-चीन सीमा से अगस्त माह में लापता हुए दो युवकों का अभी तक कोई पता नहीं चला है. परिवार के लोगों ने चीन पर अपहरण का संदेह व्यक्त किया है.

Arunachal Pradesh में भारत-चीन सीमा से दो युवक गायब, 52 दिन बाद भी कोई खोज-खबर नहीं, ड्रैगन पर गहराया शक

Arunachal Youth Missing from China Border: अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन बॉर्डर के पास से अगस्त माह में लापता हुए दो युवकों की अभी तक कोई खोज-खबर नहीं लग सकी है. मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने कहा कि दोनों एलएसी के पास चागलगाम इलाके से कथित तौर पर लापता हुए थे. दो लापता युवकों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है, तलाश की जा रही है. वहीं लापता युवकों में से एक के छोटे भाई ने शक व्यक्त किया कि दोनों को चीन की सेना के हिरासत में लिया होगा.

चीन की हिरासत में हो सकते हैं दोनों?

पुलिस के एक अधिकारी ने परिवार के सदस्यों का हवाला देते हुए बताया कि अंजाव जिले के दुइलियांग गांव के रहने वाले बेटिलम टिकरो और उसका दोस्त बेइंग्सो मन्यु 19 अगस्त को औषधीय जड़ी-बूटियों की तलाश में और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट पहाड़ों पर शिकार करने के लिए घर से निकले थे. हालांकि, बेटिलम के छोटे भाई दिशांसो चिक्रो ने दावा किया कि दोनों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने हिरासत में ले लिया होगा.

अनजाने में एलएसी पार कर ली होगी?

चिक्रो ने कहा, “हमें संदेह है उन्होंने अनजाने में एलएसी पार कर ली होगी और पीएलए ने उन्हें हिरासत में ले लिया होगा. हम बेहद चिंतित हैं.” पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने खुपा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. चिक्रो ने यह भी कहा कि परिवार ने एक पत्र के माध्यम से हयूलियांग विधानसभा क्षेत्र के विधायक दासंगलू पुल का इस ओर ध्यान आकर्षित किया है.

..जंगलों में जाना आम बात

अंजाब जिले के पुलिस अधीक्षक राइक कामसी ने कहा, “हम गवाहों, परिवार के सदस्यों और सीमा के पास रहने वाले ग्रामीणों से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेंगे. हालांकि, स्थानीय लोगों के लिए औषधीय जड़ी-बूटियों की तलाश में जंगलों में जाना आम बात है.”

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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