दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली की नई आबकारी नीति (New Excise policy) को पारदर्शी और प्रगतिशील बनाने का निर्देश दिया है. दिल्ली मंत्रिमंडल ने बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन किया.
Trending Photos
नई दिल्लीः मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार एक महत्वाकांक्षी आबकारी नीति (Excise policy) लाने जा रही है. यह पॉलिसी पूरे भारत में एक मॉडल के तौर पर जानी जाएगी. इस पॉलिसी को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. दिल्ली कैबिनेट ने इस नई आबकारी नीति के लिए शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह के गठन को मंजूरी दी है. दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति से करदाताओं और व्यापार क्षेत्र में भी पारदर्शिता आएगी और लोगों को कारोबार करने में आसानी होगी. साथ ही दिल्ली सरकार के सरकारी राजस्व में भी लगातार वृद्धि होगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली की नई आबकारी नीति (New Excise policy) को पारदर्शी और प्रगतिशील बनाने का निर्देश दिया है. दिल्ली मंत्रिमंडल ने बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह का गठन किया. स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और कानून मंत्री कैलाश गहलोत इस मंत्री समूह के अन्य सदस्य बनाए गए हैं. यह मंत्री समूह, उत्पाद शुल्क प्रशासन की वर्तमान प्रणाली के सभी पहलुओं, विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और हितधारकों, आम जनता से प्राप्त सुझावों, फीडबैक और टिप्पणियों की जांच करेगा और मंत्रिपरिषद को पारदर्शी तरीके से प्रगतिशील नई उत्पाद नीति का सुझाव देगा, जिससे आने वाले सप्ताहों में अंतिम नीतिगत निर्णय लेने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें-पीरियड्स को लेकर ‘अब पता चलने दो’ डिजिटल कैंपेन लॉन्च, सीएम केजरीवाल ने की तारीफ
दिल्ली, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के मामले में एक मॉडल राज्य है. इसी तर्ज पर सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार देश के बाकी राज्यों के लिए दिल्ली आबकारी नीति को मॉडल बनाने की तैयारी में है.
2020 की अंतिम तिमाही में दिल्ली सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था, जिसके सुझाव इस प्रकार हैं.
1) राज्य उत्पाद शुल्क राजस्व में वृद्धि.
2) शराब मूल्य निर्धारण तंत्र को सरल बनाना.
3) शराब के कारोबार में गड़बड़ी और ड्यूटी की चोरी की जांच करना.
4) शराब की आपूर्ति के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करना.
5) राष्ट्रीय राजधानी के बदलते कद के अनुरूप शराब व्यापार की प्रकृति को बदलना.
दिल्ली सरकार ने पारदर्शिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद हितधारकों और आम जनता से सुझाव आमंत्रित की थी. सरकार को हितधारकों और आम जनता से बड़ी संख्या में 14,000 से अधिक सुझाव और टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं.
ये भी पढ़ें-Delhi सरकार का बड़ा फैसला, अगले 6 महीने के लिए घटाए 20% Circle Rate