क्या दिल्ली को मिलेंगी मैडम सर? सलाखों से सरकार चलाने में केजरीवाल के सामने जेल मैनुअल ही रोड़ा
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क्या दिल्ली को मिलेंगी मैडम सर? सलाखों से सरकार चलाने में केजरीवाल के सामने जेल मैनुअल ही रोड़ा

Kejriwal News: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी...हंगामा... नारेबाज़ी...और ये सियासत...सबकुछ अपनी जगह है. लेकिन, एक सवाल जो सबके जहन में है, वो ये कि केजरीवाल ने अगर इस्तीफा दिया तो उनकी जगह कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?

क्या दिल्ली को मिलेंगी मैडम सर? सलाखों से सरकार चलाने में केजरीवाल के सामने जेल मैनुअल ही रोड़ा

ED Arvind Kejriwal Arrest: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गुरुवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने उन्हें दिल्ली शराब नीति मामले में अरेस्ट किया है. कोर्ट से अगर राहत नहीं मिलती है तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. वहीं आम आदमी पार्टी के तमाम नेता लगातार दावे के साथ कह रहे हैं कि केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे बल्कि जेल से ही सरकार चलाएंगे. 
 
हालांकि जेल मैनुअल के हिसाब से ये संभव नज़र नहीं आता, क्योंकि मुख्यमंत्री का काम सिर्फ कागज और फाइलों पर हस्ताक्षर करना नहीं होता है, सीएम के जिम्मे कई सारे काम होते हैं, जिनमें अधिकारियों से चर्चा करना, कैबिनेट मीटिंग करना और एडवोकेट जनरल से सलाह लेना है. जेल में रहते हुए ये सारे काम व्यवहारिक तौर पर संभव नहीं है.

उनकी जगह कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री?
ऐसे में सवाल ये है कि अगर केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ता है तो उनकी जगह कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री? अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले ही आम आदमी पार्टी के तीन बड़े नेता जेल में हैं, जिनमें शामिल हैं पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और राज्यसभा सांसद संजय सिंह. इसके चलते आम आदमी पार्टी पहले से नेतृत्व के संकट से जूझ रही है, और अब अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से मुश्किल खड़ी हो गई है. 

लेकिन सूत्रों की माने तो अरविंद कजरीवाल को इस्तीफा देने की नौबत आती है तो फिर दिल्ली की कमान एक बार फिर महिला मुख्यमंत्री के हाथों में जा सकती है.
- दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा काफी तेज़ है.  
- शिक्षा, PWD और वित्त जैसे अहम विभागों के साथ ही दिल्ली सरकार के सर्वाधिक 14 विभाग आतिशी के पास हैं. 
- आतिशी को अरविंद केजरीवाल के करीबी नेताओं में गिना जाता है. 
- वो आम आदमी पार्टी की महिला चेहरा हैं और दिल्ली में केजरीवाल की शिक्षा मॉडल के पीछे उनका अहम रोल रहा है. 
- आतिशी ने 2019 में पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सकी थीं
- साल 2020 में आतिशी पहली बार विधायक बनीं. 
- जबकि मनीष सिसोदिया के जेल जाने और कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद वो मंत्री बनी हैं. 
- आतिशी को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह सरकार चलाने में केजरीवाल का बढ़-चढ़कर सहयोग करते देखा गया है. 
- यही नहीं, प्रमुख विभाग संभालने के कारण उनका अनुभव भी अधिक है. 
- वैसे, आतिशी अगर मुख्यमंत्री बनती हैं तो दिल्ली को सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद तीसरी महिला मुख्यमंत्री मिलेगी.  

महिला के हाथों में भी जा सकती है जो..
वैसे सूत्रों की मानें तो अगर अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देते हैं तो दिल्ली की कमान एक ऐसी महिला के हाथों में भी जा सकती है जो ना सिर्फ केजरीवाल के काम करने के तरीके को बखूबी जानती हैं, बल्कि कहा तो यहां तक जाता है कि वो अनौपचारिक रूप से सरकार के कामकाज भी देखती रही हैं. 

कौन- कौन है इस रेस में ?
दिल्ली सरकार और आम आदमी मार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद हड़कंप मच गया. आम आदमी पार्टी के नेता सड़कों पर उतर गए और अपने मुखिया की गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए विरोध प्रदर्शन करने लगे.  अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी...हंगामा... नारेबाज़ी...और ये सियासत...सबकुछ अपनी जगह है. लेकिन, एक सवाल जो सबके जहन में है, वो ये कि केजरीवाल ने अगर इस्तीफा दिया तो उनकी जगह कौन बनेगा दिल्ली का मुख्यमंत्री. तो आपको बता दें कि इस रेस में...
 
सवाल ये है कि सुनीता केजरीवाल सक्रिय राजनीति में आएंगी या नहीं. क्या सुनीता केजरीवाल मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल सकती हैं. सूत्रों की मानें तो
- भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रहीं सुनीता अरविंद केजरीवाल के साथ अनौपचारिक रूप से सरकार के कामकाज देखती रही हैं. 
- वहीं करीब दस वर्षों से एक राजनीतिक परिवार का हिस्सा होने के कारण उनकी राजनीतिक समझ पर भी सवाल नहीं उठाया जा सकता. 
- जबकि, पार्टी के कार्यकर्ता भी अरविंद केजरीवाल की गैर मौजूदगी में सुनीता में अपना नेतृत्व देखते हैं. 

गोपाल राय और आतिशी से ज़्यादा सुनीता केजरीवाल के नाम की ही चर्चा क्यों?
ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना सकते हैं? 
- अगर सुनीता केजरीवाल सीएम बनती हैं तो सरकार का कंट्रोल केजरीवाल के परिवार के पास ही रहेगा. 
- केजरीवाल की गैर मौजूदगी में भी पार्टी और सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, लेकिन अरविंद केजरीवाल का ही कंट्रोल होगा. 
- सुनीता केजरीवाल के सीएम बनने से जनता को सीधा संदेश जाएगा कि सरकार एक तरह से केजरीवाल ही चला रहे हैं. 
- यही नहीं सुनीता केजरीवाल के सीएम बनने से अरविंद केजरीवाल को जनता की सहानुभूति हासिल होगी. 
- जबकि, इस सहानुभूति का इस्तेमाल कर सुनीता केजरीवाल भी सक्रिय राजनीति में अपने कदम मजबूती से आगे बढ़ा पाएंगी.

लालू ने पत्नी राबड़ी को सीएम बना दिया था
वैसे बिहार में भी ऐसा उदाहरण देखने को मिल चुका है. कभी मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बना दिया था. यही नहीं, हाल ही में झारखंड में मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और इस्तीफा होने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाने की तैयारी कर ली गई थी. हालांकि, भाभी सीता सोरेन के विरोध करने पर परिवार के विश्वस्त चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया. 

हालांकि इसमें थोड़ा रिस्क है..
ऐसे में बहुत मुमकिन है कि अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को मुख्यमंत्री बना दें. हालांकि, इसमें भी थोड़ा रिस्क है. रिस्क ये कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल पर परिवारवाद का आरोप लगा सकती है. बीजेपी उन्हें परिवारवाद को बढ़ावा देने के मुद्दे पर घेर सकती है. लिहाज़ा, कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आतिशी या गोपाल राय में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाया जाए, और सुनीता केजरीवाल को पार्टी में राष्ट्रीय संयोजक जैसी कोई अहम जिम्मेदारी दी जाए, ताकि वो सरकार से बाहर रहते हुए भी उसपर कंट्रोल रख सकें.

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