Astronaut Story: जमीन पर चलना भूल जाते हैं अंतरिक्ष यात्री, कई दिनों तक व्हील चेयर होता है सहारा; जानिए क्यों?
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Astronaut Story: जमीन पर चलना भूल जाते हैं अंतरिक्ष यात्री, कई दिनों तक व्हील चेयर होता है सहारा; जानिए क्यों?

Astronauts can not walked after landing: जब अंतरिक्ष यात्री स्पेस से धरती पर लौटते हैं, तब कई दिनों तक ठीक से चल नहीं पाते हैं. ऐसे में उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ता है. क्या आप जानते हैं आखिर क्यों स्पेस से धरती पर आने के बाद कई दिनों तक अंतरिक्ष यात्री चल नहीं पाते हैं?

फाइल फोटो

Astronauts forget to walk: धरती से जब हम आसमान को देखते हैं तब ये बहुत खूबसूरत दिखाई देता है लेकिन यह आसमान जितना खूबसूरत है, उससे ज्यादा अपने अंदर रहस्य समेटे हुए है. इन्हीं रहस्यों को जानने के लिए स्पेस साइंटिस्ट धरती से अंतरिक्ष में जाते हैं और वहां पर चल रही गतिविधियों की स्टडी करते हैं. अंतरिक्ष में जाने वाले इन वैज्ञानिकों को एस्ट्रोनॉट या अंतरिक्ष यात्री कहा जाता है. जब भी अंतरिक्ष यात्री धरती पर वापस लौटते हैं, तब इन्हें रिसीव करने के लिए साथी वैज्ञानिक व्हीलचेयर लेकर जाते हैं और इस पर बैठाकर ही अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाया जाता है.

कमजोर हो जाते हैं मसल्स 

क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष यात्री धरती पर आने के बाद खुद के पैरों से क्यों नहीं चलते हैं? इसकी असल वजह वैज्ञानिकों ने बता दी है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि जब कोई अंतरिक्ष यात्री स्पेस में रहता है, तब वहां लगभग 90 फीसदी कम गुरुत्वाकर्षण होता है लेकिन जब वह धरती पर लौटता है तब उसे अचानक से गुरुत्वाकर्षण का एहसास होता है. अंतरिक्ष में रहते हुए वैज्ञानिकों को अपने भार का भी अनुभव नहीं होता लेकिन जब धरती पर लौटते हैं तब उन्हें अपने शरीर का भार अनुभव होता है और वो अपने मसल्स को अच्छे से गति नहीं दे पाते हैं.

चोटिल होने का डर

इसके अलावा अंतरिक्ष में कई दिन बिताने पर शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है जिसकी वजह से हाथ-पांव और रीढ़ हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. धरती पर लैंड करने के बाद खुद से चलने का मतलब है कि खुद को चोटिल कर लेना. अंतरिक्ष में ज्यादा दिन तक रहने पर मसल्स कमजोर हो जाती हैं, इसी वजह से जब अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौटते हैं, तब कई दिनों तक नहीं चल पाते हैं. इसके अलावा जब धरती पर अंतरिक्ष यात्री पहुंचते हैं तो उनके हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है और ब्लड फ्लो के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.

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