Shaista Parveen News: शाइस्ता परवीन के भरोसे अतीक अहमद जेल से ही अपना पूरा गैंग चला रहा था वो मोस्ट वांटेड लेडी डॉन है. शाइस्ता का शुरुआती सफर खाकी की खूबियों और खामियों के बीच गुजरा लेकिन वो कैसे माफिया गैंग की सरगना बन गई, इस पूरी कहानी के कई मोड़ हैं.
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Shaista Parveen UP Police: उमेश पाल हत्याकांड मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. भले ही माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ अहमद अब अतीत बन चुके हों लेकिन अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम को पकड़ना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.
इस बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि अतीक का बेटा उमर उमेशपाल की हत्या की साजिश में शामिल हो सकता है. असद ने हत्या से पहले उमर से मुलाकात की थी. फिलहाल अतीक का बेटा उमर लखनऊ की जेल में बंद है और मर्डर से पहले असद लखनऊ जेल में उमर से मिलने गया था. 13 अप्रैल को अतीक के बेटे असद को झांसी में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था.
शाइस्ता मोस्ट वॉन्टेड लेडी डॉन
लेकिन जिस शाइस्ता परवीन के भरोसे अतीक अहमद जेल से ही अपना पूरा गैंग चला रहा था वो मोस्ट वांटेड लेडी डॉन है. शाइस्ता का शुरुआती सफर खाकी की खूबियों और खामियों के बीच गुजरा लेकिन वो कैसे माफिया गैंग की सरगना बन गई, इस पूरी कहानी के कई मोड़ हैं.
अतीक की पत्नी शाइस्ता की उस संपत्ति के बारे में आपको बताते हैं, जो संपत्ति शाइस्ता को हर महीने करोड़ों की कमाई देती थी. इसी संपति से होने वाली कमाई से ही शाइस्ता ने अतीक के गुर्गों पर पकड़ मजबूत कर ली थी. प्रयागराज से 15 किलोमीटर दूर है झूसी अंदावा. यहां अतीक की पत्नी शाइस्ता का 'कोल्ड स्टोरेज' था, जिसे वह गोल्ड बैंक कहती थी. साल 2020 में इस कोल्ड स्टोरेज पर कोर्ट के आदेश के बाद बुलडोजर की कार्रवाई की गई थी.
पसंद आने वाली चीज हड़प लेता था अतीक
माफिया अतीक अहमद को जो चीज पसंद आती थी उसे वह जबरन ले लेता था या फिर हड़प लेता था.यही कारण है कि अतीक ने झूसी अंदावा स्थित एक कोल्ड स्टोरेज को भी हड़प लिया था. अतीक ने यह कोल्ड स्टोरेज हड़प कर अपनी पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम पर लिखवाया था. उसकी पत्नी इसे अपना गोल्ड बैंक मानती थी. क्योंकि इस कोल्ड स्टोरेज से हर साल करीब ढाई से 3 करोड रुपये की कमाई होती थी. यहां से होने वाली कमाई को माफिया का परिवार अपराध और महंगे शौक पूरे करने में लगाता था. इस कोल्ड स्टोरेज को प्रशासन ने 2 वर्ष पहले बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया था.
हालांकि इसकी मजबूती इतनी थी कि आधा दर्जन से अधिक बुलडोजर लगाने के बाद भी पूरी तरह से जमींदोज नहीं हो पाया. इस कोल्ड स्टोरेज के अंदर लगभग 200000 बोरी रखने की क्षमता है. एक बोरी से 135 रुपये वसूला जाता था यानी कि साल भर में ढाई करोड़ से अधिक की कमाई होती थी.
भाइयों को किया टॉर्चर
यहां के आसपास के रहने वाले लोग बताते हैं कि यह कोल्ड स्टोरेज पहले राजकुमार, शरद और सुशील कुमार का था. इसमें से एक भाई पर अतीक ने दबाव बनाकर ने काफी कम कीमत देकर कब्जा कर लिए बाकी दो भाई जमीन बेचने के मूड में नहीं थे. जिसके बाद अतीक ने इन्हें ऐसा टॉर्चर किया कि यह दोनों बेचने पर मजबूर हो गए.
लोग यहां तक दावा करते हैं कि अतीक ने इस कोल्ड स्टोरेज को ना के बराबर पैसा देकर हड़प लिया है और इसे अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्ट्री करा रखा है. अतीक जब भी अपनी पत्नी शाइस्ता परवीन से कहता था की यह लो तुम्हारा गोल्ड बैंक मैंने खोल दिया है. अब यहां से होने वाली करोड़ों की कमाई तुम अपने शौक व अन्य पर लगा सकती हो.
अब मददगारों से राज उगलवाएगी पुलिस
शाइस्ता अब तक फरार है और अब सामने आया है कि पुलिस शाइस्ता के मददगारों के जरिए उसतक पहुंचने की कोशिश कर रही है. STF ने शाइस्ता की मदद करने वाले सात वकीलों और उसे संरक्षण और आर्थिक मदद देने वाले 20 करीबियों की पहचान कर ली है. दूसरी ओर, माफिया अतीक की बहन आयशा नूरी की सरेंडर एप्लीकेशन पर सुनवाई टल गई है. दो दिन बाद CJM कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा.
वहीं पुलिस जांच में गुड्डू मुस्लिम के मददगार रईस का नाम सामने आया है. उमेश पाल की हत्या से पहले गुड्डू मुस्लिम की उससे मीट शॉप पर मुलाकात हुई थी. सूत्रों के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम करीब 12 दिन यानी 2 अप्रैल से 13 अप्रैल तक उड़ीसा में ही मौजूद था. अब उसके पास ज्यादा कैश भी नहीं बचा है और वह पैसों के जुगाड़ में लगा हुआ है.