Atiq Ahmed Murder Case: शाइस्ता परवीन कितनी शातिर क्रिमिनल है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 60 दिन से पुलिस उसकी तलाश में जुटी है, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
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Umesh Pal Murder Case: उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस ने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम की तलाश तेज कर दी है. गुड्डू मुस्लिम के छत्तीसगढ़ में तो शाइस्ता के प्रयागराज में होने की आशंका है. अतीक के कई मददगारों ने पूछताछ में शाइस्ता के प्रयागराज में होने की जानकारी दी है.
अब पुलिस और एसटीएफ की टीम अब नए सिरे से शाइस्ता की तलाश में जुटेगी. शाइस्ता ने अतीक के जेल जाने के बाद गैंग को संभालने की ज़िम्मेदारी अपने जिम्मे ली थी. अब शाइस्ता पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है.
शाइस्ता ने उमेश पाल मर्डर से ठीक एक दिन पहले चकिया में शूटर्स से मुलाकात की थी. दरअसल शाइस्ता ने ही शूटर्स के साथ मर्डर की प्लानिंग की थी. मर्डर कैसे करना है और पल-पल की खबर शूटर्स ने शाइस्ता को दी थी.
प्रयागराज के चकिया वाले घर में शूटर्स और शाइस्ता की एक मीटिंग हुई थी. उसी दिन शाइस्ता ने सभी शूटर्स को पैसे दिए थे. ZEE NEWS के पास उस पर्स की तस्वीरें भी हैं, जिस पर्स से शाइस्ता ने शूटर्स को पैसे दिए थे.
उमेशपाल हत्याकांड था ऑपरेशन रेड
जिस घर पर योगी सरकार ने बुलडोजर चलाया था उसी घर में शाइस्ता ने उमेशपाल हत्याकांड को 'ऑपरेशन रेड' नाम दिया था. ऑपरेशन रेड के तहत उमेश पाल की हत्या के लिए सभी शूटर्स को पैसे दिए गए थे. इस दौरान शाइस्ता ने शूटर्स को फोन भी दिए थे. शाइस्ता ने उमेश पाल को दुश्मन बताया था. और शूटर्स को समझाया था कि उमेश पाल का मर्डर दबदबा बनाने के लिए जरूरी है.
टूटे घर में शाइस्ता और शूटर्स की मुलाकात का मकसद ये बताना था कि उमेशपाल की वजह से ही अतीक का साम्राज्य हिल गया है और इसलिए शूटर्स में उमेश पाल शूटआउट के लिए जोश भरा गया था.
शाइस्ता परवीन कितनी शातिर क्रिमिनल है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 60 दिन से पुलिस उसकी तलाश में जुटी है, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
मर्डर के 4 किरदार अब तक फरार
पहले प्रयागराज, फिर बंगाल और अब दोबारा प्रयागराज में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है लेकिन शाइस्ता पुलिस की पकड़ से अब तक बाहर है. उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद और गुलाम हसन तो एनकाउंटर में मारे गए लेकिन मर्डर के 4 किरदार अभी भी फरार हैं. छत्तीसगढ़ में बमबाज गुड्डू मुस्लिम की तलाश हो रही है. प्रयागराज में शाइस्ता के लिए तलाशी अभियान जारी है. शूटर साबिर को मुंबई में ढूंढा जा रहा है. वहीं सूत्रों के मुताबिक, अशरफ का रिश्तेदार सद्दाम दुबई भाग गया है.
शाइस्ता को पता था कि उमेशपाल हत्याकांड के बाद उसकी तलाश हर जगह की जाएगी. इसलिए उसने अपने बचने के भी सारे इंतजाम पहले ही कर लिए थे.शाइस्ता का यही फॉर्वर्ड प्लान, आज उसकी ढाल बन चुका है.
करीब 60 दिन से शाइस्ता कहां अंडरग्राउंड है, इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए यूपी पुलिस दिन-रात तलाशी अभियान चला रही है. शाइस्ता की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने अब तक जो भी प्लान बनाया है, उसमें कामयाबी नहीं मिल पाई. शाइस्ता परवीन यूपी पुलिस के लिए मोस्ट वॉन्टेड लेडी डॉन है.
अंडरग्राउंड है शाइस्ता परवीन
उमेश पाल की हत्या में नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से ही शाइस्ता परवीन अंडर ग्राउंड है. उसकी तलाश में उत्तर प्रदेश पुलिस कई शहरों की खाक छान रही है.
जमीन से लेकर आसमान तक निगरानी रखी जा रही है ताकि शाइस्ता पर शिकंजा कसा जा सके. लेकिन शातिर शाइस्ता का कोई पता नहीं चल रहा. माफिया की बेगम पुलिस से दो कदम आगे चल रही है और हर रोज अपनी लोकेशन बदल रही है. शाइस्ता की यही चालाकी पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.
शाइस्ता परवीन को लेकर यूपी ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी तलाशी अभियान चलाया गया है इसके बावजूद उसका पता नहीं चल पाया है.
शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम
शाइस्ता परवीन पर यूपी पुलिस ने पहले 25 हजार का इनाम रखा था. बाद में बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया. शाइस्ता के सरेंडर की चर्चा भी लगातार हो रही है मगर वो कहां है, किसके साथ है, अब क्या साजिश रच रही है इसका किसी को अंदाजा नहीं है.
13 अप्रैल को असद का एनकाउंटर हुआ तो अटकलें लगाई जा रही थीं कि शाइस्ता अपने बेटे को आखिरी बार देखने जरूर आएगी. 15 अप्रैल को असद सुपुर्द-ए-खाक किया गया लेकिन शाइस्ता वहां भी नहीं पहुंची.
15 अप्रैल की रात को ही अतीक और अशरफ की भी हत्या कर दी गई. इसके बाद कयास लगाए जाने लगे कि पति और देवर के जनाजे में शाइस्ता जरूर आएगी. इसलिए 16 अप्रैल को कसारी मसारी कब्रिस्तान समेत चकिया और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे. लेकिन पुलिस का अनुमान गलत साबित हुआ और शाइस्ता नहीं पहुंची.
शाइस्ता की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने अब तक जो भी प्लान बनाया है उसमें कामयाबी नहीं मिल पाई. इसकी वजह भी पुलिस खुद ही बता रही है. पुलिस को लग रहा है कि बुर्के की वजह से शाइस्ता तक पहुंचना इतना आसान नहीं है. बुर्का और पर्दानशीं होने की वजह से थोड़ा लिमिटेशन है जिसकी वजह से उनके बारे में सूचनाएं भी कम आ रही हैं.
क्यों गिरफ्तारी है जरूरी?
शाइस्ता की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बेहद जरूरी है. इसकी कई वजहें भी हैं. शाइस्ता परवीन माफिया अतीक अहमद की सबसे बड़ी राज़दार है. अतीक और अशरफ के बाद माफिया गैंग की सबसे ज्यादा जानकारी किसी को है तो वो शाइस्ता परवीन ही है.
अतीक के जेल जाने के बाद से ही शाइस्ता अतीक के सभी काले कारोबार संभाल रही थी यानी अतीक ने कहां तक अपना काला साम्राज्य खड़ा किया है ये सब शाइस्ता जानती है.
उमेश पाल की हत्या के बाद किस सफेदपोश ने अतीक के परिवार की मदद की इसके बारे में भी शाइस्ता से ही जानकारी मिल सकती है. अतीक अहमद के ISI और पाकिस्तान कनेक्शन की डिटेल भी शाइस्ता परवीन के पास ही है.
इसके अलावा उमेश पाल की हत्या की साजिश कैसे रची गई और किस तरह अंजाम दी गई ये भी शाइस्ता परवीन ही सबसे ज्यादा जानती है. उमेश पाल की हत्या के तीन आरोपी कहां हैं ये राज़ भी पुलिस को शाइस्ता से मिल सकता है.
गुरुग्राम में फना एसोसिएटेड प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी अतीक अहमद के नाम पर है. गुरुग्राम में ही दूसरी कंपनी शाइस्ता के नाम पर रजिस्टर्ड है. गुरुग्राम में रियल एस्टेट कंपनी मेसर्स जाफरी स्टेट लिमिटेड का बड़ा कारोबार है. इस कंपनी की मालकिन भी शाइस्ता है.
अतीक ने अपनी हजारों करोड़ की ब्लैकमनी छिपाने के लिए रिश्तेदारों का भी इस्तेमाल किया. UP STF अब इन्हें जब्त करने की तैयारी में है.
शाइस्ता के दो भाई फारुख, जकी के नाम से 4 कंपनियां हैं. एमजे इंफ्रा लैंड LLP, एमजे इंफ्रा ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड, एमजे इंफ्रा हाउसिंग, एमजे इंफ्रा स्टेट हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड.
प्रयागराज में भी अतीक ने बड़ी संख्या में आवासीय परियोजनाएं लॉन्च कर रखी थी.अतीक के जेल जाने के बाद इसे भी शाइस्ता ही देख रही थी. अतीक ने प्रयागराज में एक माइनॉरिटी टाउनशिप बनाने की शुरुआत भी की थी.
लेडी डॉन शाइस्ता को लेकर कई सवाल हैं लेकिन सटीक लोकेशन वाला जवाब किसी के पास नहीं है. दावा ये भी है कि हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी ही शाइस्ता के अंडर ग्रउंड होने की वजह है.
यूपी के स्पेशल DG लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक अतीक और उसके परिवार की 11 हज़ार 684 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. अतीक की 100 से ज्यादा बेनामी संपत्तियां कानून के दायरे में आ चुकी हैं और ये आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है.
शाइस्ता के कितने मददगार?
शाइस्ता कहां छिपी है? उसकी मदद कौन कर रहा है? इसका जवाब पुलिस अब तक नहीं तलाश पाई है. आशंका ये भी जताई जा रही है कि हो सकता है शाइस्ता को सरेंडर करने या गिरफ्तारी देने से अतीक के गुर्गे ही मना कर रहे हों, आशंका इसे लेकर भी है कि गुड्डू मुस्लिम भी वो शूटर हो सकता है जो शाइस्ता की मदद कर रहा हो. हालांकि इसे लेकर पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है लेकिन साहब, बेगम और गुलाम वाला सस्पेंस तभी खत्म होगा जब या तो शाइस्ता गिरफ्तार होगी या गुड्डू बमबाज तक पुलिस पहुंचेगी.
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