Azamgarh Byelection: आजमगढ़ लोकसभा सीट अखिलेश यादव के विधानसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद खाली हुई है. गुरुवार को वोटिंग खत्म होने के बाद बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि अखिलेश ने खुद धर्मेंद्र यादव के साथ खेल कर दिया.
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Dinesh Lal Yadav Nirhua- Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में गुरुवार को लोकसभा उपचुनाव के लिए वोट डाले गए. यहां पर 48.48 प्रतिशत मतदान हुआ. बीजेपी ने आजमगढ़ सीट पर हो रहे उपचुनाव में भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं, सपा ने बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली पर दांव लगाया है. आजमगढ़ में मुख्य मुकाबला इन्हीं तीनों के बीच माना जा रहा है. वैसे, क्षेत्र में कुल 13 उम्मीदवार उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
आजमगढ़ लोकसभा सीट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद और लोकसभा से इस्तीफा दिए जाने के कारण खाली हुई है. गुरुवार को वोटिंग खत्म होने के बाद बीजेपी प्रत्याशी निरहुआ ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि अखिलेश ने खुद धर्मेंद्र यादव के साथ खेल कर दिया.
पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने कहा कि अखिलेश यादव को यहां से जरा भी उम्मीद होती तो वो यहां जरूर आते, लेकिन नहीं आए, क्यों नहीं आए, क्योंकि उन्हें पता है कि गढ़ टूट गया है और हार तय है.
धर्मेंद्र यादव जी के साथ शिवपाल यादव जी वाला खेला कर दिए अखिलेश! pic.twitter.com/gLuYXOXZt0
— Nirahua Hindustani (@nirahua1) June 23, 2022
उन्होंने कहा कि मैं क्षेत्र में घूम रहा तो लोग मुझसे यही कह रहे थे. उनको और उनके पिताजी को यहां से बार-बार मौका मिला लेकिन कुछ किया नहीं. इसीलिये अब लोग कह रहे हैं कि हम बीजेपी को सपोर्ट करेंगे.
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बीजेपी नेता निरहुआ ने अपने एक गाने का जिक्र करते हुए कहा,'धर्मेंद्र यादव को फरार नहीं, लाचार करेंगे. अखिलेश यही कर रहे हैं और इसीलिये उन्हें आजमगढ़ भेजा. पहले चाचा शिवपाल को किनारे किया और जब देख लिया कि आजमगढ़ में मैंने कुछ किया नहीं है तो वहीं कुछ हासिल नहीं होगा.इसीलिये धर्मेंद्र यादव को यहां भेजकर किनारे लगा दिया. वो अपने आगे न तो भाई को चाहते हैं, न चाचा को और न ही पार्टी के किसी अन्य नेता को…नहीं चाहते कि कोई मेरे से आगे बढ़े या उसका नाम हो'
बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा सीट सपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है. आजमगढ़ सीट से अखिलेश यादव से पहले उनके पिता मुलायम सिंह यादव सांसद थे, इसलिए इस सीट पर हो रहा उपचुनाव सपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय है.सत्तारूढ़ बीजेपी जहां उपचुनावों में जीत हासिल कर सपा को उसके गढ़ माने जाने वाले इन क्षेत्रों में झटका देना चाहेगी. वहीं, सपा अपने ‘किले’ को महफूज रखने की जीतोड़ कोशिशों में जुटी है.
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा-खासा प्रभाव है. यहां यादव मतदाताओं की तादाद 21 फीसदी, जबकि मुस्लिम वोटरों की आबादी 15 प्रतिशत के करीब है. इसके अलावा, 20 प्रतिशत दलित और 18 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के गैर-यादव मतदाता मौजूद हैं.
वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. उस समय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को तीन लाख 61 हजार मतों से पराजित किया था.
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