अगर आपको लगता है कि गंभीर विषयों पर हमारे देश के नेता ही अजीबोगरीब बयानबाजी करते हैं, तो फिर आपको एक बार बेलारूस के राष्ट्रपति को भी सुन लेना चाहिए.
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नई दिल्ली: अगर आपको लगता है कि गंभीर विषयों पर हमारे देश के नेता ही अजीबोगरीब बयानबाजी करते हैं, तो फिर आपको एक बार बेलारूस के राष्ट्रपति को भी सुन लेना चाहिए. ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना के खौफ से घबराई हुई है, राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) न केवल खुद को बेखौफ साबित करने में लगे हैं, बल्कि जनता को भी बेमतलब के नुस्खे बता रहे हैं.
अलेक्जेंडर की तरह ही ब्राजील, मैक्सिकन और अमेरिकी नेताओं ने कोरोना (Coronavirus) की गंभीरता का मजाक उड़ाया था और आज सभी इसकी कीमत चुका रहे हैं, लेकिन उनका हाल देखने के बाद भी अलेक्जेंडर के मिजाज में कोई परिवर्तन नहीं आया है. उल्टा वह महामारी को "मनोविकार" करार दे रहे हैं.
अपने राष्ट्रपति की नासमझी को देखते हुए अब बेलारूस के स्वयंसेवकों कोरोना से मुकाबले के लिए मोर्चा संभाल लिया है. ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के अनुसार, स्वयंसेवक लोगों से चंदा इकठ्ठा कर रहे हैं, ताकि महामारी से जंग में देश को आर्थिक मोर्चे पर विफलता न झेलनी पड़े.
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बता दें कि कोरोना से निपटने की तैयारी को लेकर अलेक्जेंडर लुकाशेंको सरकार कुछ खास नहीं कर रही है. यहां तक कि एहतियात के तौर पर यूरोपियन फुटबॉल लीग के आयोजन को भी रद्द नहीं किया गया. हजारों की संख्या में लोग पेशेवर फुटबॉल मैच को देखने के लिए स्टेडियम पहुंचे, जबकि पूरा विश्व सोशल डिस्टेंसिंग अपना रहा है ताकि वायरस के फैलाव को नियंत्रित किया जा सके.
लापरवाह रवैये के चलते बेलारूस में पैराफरनेलिया की कमी
कोरोना को लेकर सरकार के लापरवाह रवैये के चलते बेलारूस में जीवन-रक्षक पैराफरनेलिया की कमी हो गई है. मास्क की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है, एक मास्क यहां 12 पाउंड में मिल रहा है. वहीं गैर सरकारी संगठनों ने आम जनता की मदद से अब तक 100,000 पाउंड राशि जुटा ली है. प्रोटेक्टिव गियर के साथ 27,000 से अधिक रेस्पिरेटर वितरित किए जा चुके हैं. 95 लाख की आबादी वाले बेलारूस में अब तक कोरोना के 4200 मामले सामने आए हैं, और 40 लोगों की मौत हुई है.
खतरे को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं
राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको मौजूदा खतरे को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं हैं. कुछ समय पहले उन्होंने देशवासियों से कहा था कि कोरोना से देश में कोई नहीं मरेगा. इतना ही नहीं उन्होंने लॉकडाउन जैसे कड़े उपायों का भी पुरजोर विरोध किया था. उधर, देश में कई संगठनों ने महामारी से मुकाबले के लिए खुद रणनीति बनाना शुरू कर दिया है. इसमें 3D प्रिंटर सहित सभी संभव रणनीतियों का उपयोग पर विचार हो रहा है.
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