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Dadri land scam case: प्रशासन के बड़े अधिकारी जब अपना फर्ज भूलकर किसी भूमाफिया का साथ देने लगें तो किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करना कितना आसान हो जाता है. ग्रेटर नोएडा के दादरी में हुआ अरबों रुपये का जमीन घोटाला इसका जीता जागता उदाहरण है. जमीन हथियाने के लिए भूमाफिया यशपाल तोमर ने कई बड़े अधिकारियों से मिलकर इस पूरे अवैध कब्जे को अंजाम दिया. इस पूरे मामले में अब ग्रेटर नोएडा पुलिस ने दो FIR दर्ज की हैं जिसमे कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया है. क्या था पूरा मामला और किन IPS और IAS अधिकारियों के परिवारवालों को बनाया गया है, आइये जानते हैं.
यूपी के ग्रेटर नोएडा के दादरी में सरकार ने साल 1997 में 282 दलित और गरीब लोगों को जमीन का आवंटन किया था. लेकिन इस करोड़ों की जमीन पर भूमाफिया यशपाल तोमर की नजर पड़ गई और उसने इस जमीन को हथियाने के लिए बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर जो चाल चली उसकी गवाही लोग खुद ही दे रहे हैं.
दरअसल चिटहेरा गांव के लेखपाल की तरफ से दर्ज कराई गईं एफआईआर में मुख्य आरोपी गैंगस्टर यशपाल तोमर के साथ उत्तराखंड के दो आईएएस अफसरों व एक आईपीएस अफसर के परिजनों को भी कुल नौ आरोपियों में सह आरोपी बनाया गया है. इन लोगों पर धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा करने और फर्जी दस्तावेज पेश कर जमीन हथियाने और झूठे मुकदमों में ग्रामीणों को जेल भेजने जैसे बेहद संगीन आरोप लगे हैं.
एफआईआर में पहले नंबर पर भूमाफिया यशपाल तोमर का जिक्र है तो छठे नंबर पर एम भास्कर का नाम है जो उत्तराखंड काडर के आईएएस अफसर आर मीनाक्षी सुंदरम के ससुर हैं. आजकल वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘ब्लू आइड’ यानी मोस्ट भरोसेमंद आईएएस अफसर बने हुए हैं. एफआईआर में यूपी कैडर के रिटायर्ड आईएएस केएम संत को भी सातवें नंबर पर सह आरोपी बनाया गया है. यूपी के अलीगढ़ के रहने वाले संत के पुत्र उत्तराखंड काडर के आईएएस अफसर हैं.
एफआईआर में बिहार के गया के पूर्व कांग्रेस सांसद रामस्वरूप राम की पत्नी सरस्वती देवी को भी 9वें नंबर पर सह आरोपी बनाया गया है. सरस्वती देवी उत्तराखंड काडर के एक आईपीएस अफसर राजीव स्वरूप की मां हैं. एफआईआर में IAS रंजना वर्मा के पिता गिरीश वर्मा का नाम भी आठवें नंबर सह आरोपी के रूप में दर्ज है.
एफआईआर के मुताबिक यशपाल तोमर ने गरीबों की जमीन हथियाने के लिए ना सिर्फ उन पर दबाव बनाया बल्कि जो लोग उसकी ज्यादती के आगे नहीं झुकते थे उनके खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में झूठी एफआईआर दर्ज कराकर उन्हें जेल भेज दिया जाता था. Zee News से खास बातचीत करते हुए यशपाल तोमर की ओर से सताए हुए लोग बताते हैं कि कैसे उनके खिलाफ दिल्ली और पंजाब में रेप, लूट और अपहरण के झूठे केस दर्ज कराकर उन्हें जेल भेज दिया गया था.
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अपनी जमीन की खातिर अपने ऊपर झूठे केस लगवाने वाले ऐसे ना जाने कितने लोग हैं. यशपाल ने ना सिर्फ बड़े अधिकारियों की सरपरस्ती के चलते अरबों की जमीन पर अवैध कब्जा किया बल्कि इसी जमीन के एक हिस्से को अथॉरिटी की ओर से अधिग्रहण करवाकर करोड़ों रुपये मुआवजा भी उठा लिया था. इस घोटाले का खुलासा होने के बाद भारी पुलिस बल के साथ कुछ दिन पहले अफसर इस जमीन पर आए और यहां सरकारी बोर्ड लगा दिया था.
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