मृतकों के शवों को एम्बुलेंस के जरिये दिल्ली से बिहार लाया जा रहा है. बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद देनी की घोषणा की है.
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पटना: दिल्ली में बीते दिनों एक फैक्ट्री में आग (Delhi Fire) लगने से कुल 43 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना में बिहार के मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है. दो शवों की पहचान अभी बाकी है. मरने वालों में सबसे ज्याद समस्तीपुर के 12 लोग शामिल हैं. इसके अलावा सहरसा के नौ, सीतामढ़ी के छह, मुजफ्फरपुर के तीन, दरभंगा के दो लोगों की पहचान हुई है. साथ ही बेगूसराय, मधेपुरा, अररिया और मधुबनी के एक-एक लोगों की मौत इस घटना में हुई है.
मृतकों के शवों को एम्बुलेंस के जरिये दिल्ली से बिहार लाया जा रहा है. बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद देनी की घोषणा की है.
दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित एक फैक्ट्री में आग लगने से अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है. कई लोग अभी भी गंभीर हालत में अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. वहीं, इस हादसे में मारे गए लोगों में बिहार के ज्यादातर लोग शामिल हैं.
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इस घटना में समस्तीपुर के आठ से ज्यादा लोगों की जान गई है. घटना की खबर मिलते ही सिंघिया थाना क्षेत्र के हरिपुर और ब्रह्मपुरा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. इस गांव के 15 से 20 लोग उस फैक्ट्री में काम करते थे. ग्रामीणों का कहना है की दिल्ली में रह रहे उनके रिश्तेदार के मुताबिक आठ से दस लोगों की मौत इस हादसे में अब तक हो चुकी है.
वहीं, सहरसा जिले के नौ लोगों के मौत की खबर है. मरने वालों में सबसे ज्यादा सहरसा जिले के नरियार पंचायत के सात लोग शामिल हैं. सात लोगों की मौत की खबर सुनकर पूरे नरियार गांव में मातम पसरा हुआ है.
सीतामढ़ी के बोखरा प्रखंड के छह लोग इस अगजनी की घटना में मारे गए. पीड़ित के घरों में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. सबसे ज्यादा बुधनगरा गांव को लोगों की जान इस हादसे में चली गई है. इस गांव के कुल 20 परिवार के लोग वहां टोपी बनाने का काम करते हैं.