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भागलपुर: भागलपुर के युवक ने लोगों को परेशानियों को देखते हुए आवश्यकता अनुसार एक पोरेटेड डेजर्ट कूलर तैयार किया है. इससे किसी भी कमरे में ह्यूमिडिटी 40 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. यह कूलर अन्य कूलर के मुकाबले में पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचायेगा. इसका भारत सरकार ने पेटेंट दिया है.
भागलपुर के माणिक सरकार मोहल्ले के युवा छात्र एकांश ने तीन सहपाठियों के साथ मिलकर इसे तैयार किया है. 3500 रुपये कि लागत में ही इसे तैयार कर दिया है. कूलर के विकसित करने के तरीके को लेकर 2017 में ही पेटेंट के लिए भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय में पत्र लिखा था, जिसके बाद अब उन्हें पेटेंट मिला है. दिल्ली स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग से पास आउट व अभी यूपीएससी की तैयारी कर रहे एकांश ने बताया कि हमारे यहां गर्मी और ह्यूमिडिटी ज्यादा होती है. हमारे देश मे गर्मी में एसी या डेजर्ट कूलर का प्रयोग होता है. एसी से ओजोन लेयर को हानि पहुंचती है और कूलर ज्यादा ठंडक नहीं दे पाता इसलिए ऐसा डेजर्ट कूलर तैयार किया जो कम कीमत में उपलब्ध हो लोगों को और पर्यावरण को हानि ना पहुंचाएं. इस डेजर्ट कूलर को एसी के तरह कमरे में प्रयोग किया जा सकता है.
कमरे की आद्रता को नियंत्रित करने के लिए कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनेमिक का प्रयोग कर पैनल तैयार किया है. पैनल के चारों तरफ सिलिका मैग्नीशियम डाइऑक्साइड जेल बॉल को लगया गया है. इस डेजर्ट कूलर का ड्राफ्ट और सैम्पल टेस्टिंग होगा जिसके बाद यह आम लोगों के लिए बाजार में उपलब्ध होगा. इसको भारत सरकार की ओर से पेटेंट मिल गया है. एकांश की उपलब्धि पर उनके माता पिता भी काफी खुश हैं. माता पिता ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिये एकांश कार्य कर रहा है उसके बनाये कूलर से लोगों को फायदा होगा कोई भी लोग इसे वहन कर सकते है क्योंकि कम कीमत के साथ साथ इसमे बिजली की भी कम खपत होगी.