भागलपुर में मुआवजे को लेकर किसानों की डीएम से हुई नोकझोंक
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भागलपुर में मुआवजे को लेकर किसानों की डीएम से हुई नोकझोंक

मुंगेर से मिर्जाचौकी तक निर्माण कराए जा रहे फोरलेन को लेकर कुछ रैयतों को जमीन का मुआवजा नहीं मिल सका है तो कुछ को कम मिला है, जिससे लगातार इस क्षेत्र में विवाद की नौबत आती है.

भागलपुर में मुआवजे को लेकर किसानों की डीएम से हुई नोकझोंक

भागलपुर: भागलपुर के कहलगांव में जिलाधिकारी के सामने एसडीओ और रैयतों के बीच जमकर विवाद हुआ है.अपने खेत में अधिकारियों के गाड़ियों को प्रवेश नहीं करने देने पर कहलगांव एसडीओ मधुकांत गुस्से में आग बबूला हो गए. इधर, किसानों की डीम से नोकझोंक हो गई.

किसानों की डीएम के साथ हुई नोकझोंक 
दरअसल, मुंगेर से मिर्जाचौकी तक निर्माण कराए जा रहे फोरलेन को लेकर कुछ रैयतों को जमीन का मुआवजा नहीं मिल सका है तो कुछ को कम मिला है, जिससे लगातार इस क्षेत्र में विवाद की नौबत आती है.आज जब जिलाधिकारी एनएच के अभियंताओं व अधीनस्थ पदाधिकारियों के साथ फोरलेन का जायजा लेते हुए पैकेज 3 का निरीक्षण रसलपुर पूरब टोला पहुंचे.साथ ही यहां किसान भागवत यादव और विकास यादव ने मुआवजे की मांग को लेकर कार्य को रोक दिया.जिसके बाद मौके पर कहलगांव एसडीओ पहुंचे. एसडीओ और रैयतों के बीच काफी देर तक नोकझोंक हुई. दोनों के बीच हो रहे विवाद के चंद मिनट बाद ही डीएम वहां पहुंचे और डीएम ने रैयत को समझा-बुझाकर मामला शांत किया.

फोरलेन में जमीन गए किसान विकास यादव ने कहा कि जमीन तो सरकार ले ली है, मुआवजे के लिए कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. कई महीनों से चक्कर लगाते थक गए हैं और मुआवजा नहीं मिला है. इस वजह से कार्य को रोका तो एसडीओ ने जबरदस्ती खेत में गाड़ी चलाने की बात कहीं. वहीं इसको लेकर जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने कहा कि विवाद जैसी कोई बात नहीं है, जो रैयत बचे हैं मृत पंचाटी का मामला है. इसमें सक्सेसन सर्टिफिकेट की भी आवश्यकता है. 

साथ ही बता दें कि 50 लाख से अधिक के भुगतान के लिए सक्सेसन सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है. ऐसी कोई समस्या नहीं है आज भागलपुर से रसलपुर तक निरीक्षण किया गया है. कुछ मामले हैं जैसे आपसी विवाद और मुआवजे को लेकर समस्या थी तो शुक्रवार को शंकरपुर में कैम्प लगाकर निराकरण करके एक सप्ताह में भुगतान करा दिया जाएगा.पिछले छह महीने में 550 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है.

इनपुट - अश्वनी कुमार

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