Bihar News : बोरिंग कर वाटर टावर पर रखे टंकी तक पानी पहुंचने के बाद अधिकारियों व ठीकेदार ने योजनाओं को पूर्ण मान लिया, लेकिन हकीकत यह है कि आज तक लोगों के घर तक नल का जल नहीं पहुंचा है.
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लखीसराय: बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी नल जल योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. जिले के चानन प्रखंड के मलिया पंचायत के विभिन्न गांवों में जल नल योजना अधिकारियों तथा ठीकेदार की मनमानी की भेंट चढ़ गया है. वार्डों में जलापूर्ति के लिए टावर भी बनाए गए हैं. कुछ वार्डों को छोड़कर एक भी वार्ड में किसी भी परिवार की प्यास योजना के जल से नहीं बुझ सकी है. जिसका ताजा उदाहरण मलिया पंचायत के वार्ड संख्या पांच है.
बता दें कि सात निश्चय योजना के तहत पानी टावर तो बना दिया गया है, लेकिन बीते दो माह से नल से पानी नहीं निकल रहा है. कुछ स्थानों पर पाइप बिछाई गई है तो उसमें पानी सप्लाई नहीं हो रही है. कहीं-कहीं तो सड़क के किनारे सड़क निर्माण के कारण पाइप कट गया है. जिससे पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है. लोगों का कहना है कि सरकार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ गई है. बोरिंग कर वाटर टावर पर रखे टंकी तक पानी पहुंचने के बाद अधिकारियों व ठीकेदार ने योजनाओं को पूर्ण मान लिया, लेकिन हकीकत यह है कि आज तक लोगों के घर तक नल का जल नहीं पहुंचा है.
ग्रामीण पिंटू कुमार, रानी देवी और रीता देवी ने बताया कि नल-जल से पानी नही मिलने से निजी चापाकल से पानी का प्यास बुझाया जा रहा है. निजी चापाकल वाले भी पानी देने से परहेज करते है, क्योंकि चापाकल अधिक चलने पर उससे गंदा पानी निकलने लगता है. जो पीने लायक नही रहता है. ऐसे में ग्रामीण अपनी प्यास बुझाने के लिए भटक रहे हैं.
इनपुट- राज किशोर मधुकर
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