बिहारः लखीसराय के सिविल सर्जन पर रिश्वत मांगने का आरोप, केस दर्ज
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बिहारः लखीसराय के सिविल सर्जन पर रिश्वत मांगने का आरोप, केस दर्ज

बिहार के लखीसराय जिले में रिश्वत मांगने के आरोप में सिविल सर्जन पर केस दर्ज किया गया है.

लखीसरया सिविल सर्जन पर केस दर्ज किया गया है.

राजकिशोर मधुकर/लखीसरायः बिहार के लखीसराय जिले में रिश्वत मांगने के आरोप में सिविल सर्जन पर केस दर्ज किया गया है. भ्रष्टाचार के एक मामले में लखीसराय के सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार के विरुद्ध कबैया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. प्रमंडलीय आयुक्त मुंगेर पंकज कुमार पाल द्वारा गठित जांच टीम द्वारा सीएस के ऊपर लगाए गए आरोप प्रमाणित होने के बाद यह कार्रवाई हुई है.

इस मामले में आयुक्त के आदेश पर शिकायतकर्ता डॉ. आलोक कुमार के बयान पर लखीसराय (कबैया) थाना कांड संख्या 84/19 के तहत सिविल सर्जन के अलावा सीएस कार्यालय के वरीय लिपिक रामशंकर सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

डॉ. आलोक कुमार ने कहा है कि वे अपनी पत्नी डॉ. ऋषिता के लिए अल्ट्रासाउंड सेंटर के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. लाइसेंस देने के नाम पर सीएस डॉ. अशोक कुमार एवं उनके कार्यालय के वरीय लिपिक रामशंकर सिंह ने डेढ़ लाख रुपये घूस की मांग की. घूस नहीं देने पर उन्हें लाइसेंस नहीं दिया.

उन्होंने कहा कि साक्ष्य के साथ इसकी शिकायत मुंगेर आयुक्त से की गई थी. इसके बाद सिविल सर्जन अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापपुर में कार्यरत डॉ. आलोक की पत्नी डॉ. ऋषिता को प्रताड़ित करने लगे. डॉ. आलोक की शिकायत पर आयुक्त ने एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई. जिसमें सीएस पर लगे आरोप सही पाए जाने पर आयुक्त के आदेश पर डॉ. आलोक कुमार द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई.

इस बारे में एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि डॉक्टर के शिकायत पर सिविल सर्जन एवं लिपिक के विरुद्ध प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत मामला दर्ज कर डीएसपी हेडक्वार्टर जितेंद्र मोहन लाल को केश का आईओ बनाया गया है.एसपी ने कहा कि वे खुद केश की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.प्रथम दृष्टया लगाए गए आरोपों सही प्रतीत हो रहे हैं.इस मामले में सिविल सर्जन की गिरफ्तारी भी संभव है.

पूरे मामले पर जब हमने सिविल सर्जन से बात से करने की कोशिश की तो व मीटिंग में व्यस्तता का हवाला देकर कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.