बिहार में वज्रपात से 5 लोगों की मौत, CM नीतीश ने की मुआवजे को घोषणा
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बिहार में वज्रपात से 5 लोगों की मौत, CM नीतीश ने की मुआवजे को घोषणा

बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में हो रही बारिश के दौरान शुक्रवार को आकाशीय बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में तीन नालंदा जिले के थे, जबकि बांका और मधुबनी में एक - एक लोगों की मौत हुई है.

 (फाइल फोटो)

Patna: बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में हो रही बारिश के दौरान शुक्रवार को आकाशीय बिजली गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में तीन नालंदा जिले के थे, जबकि बांका और मधुबनी में एक - एक लोगों की मौत हुई है. इस घटना को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक संवेदना जताई है.

सरकार ने मृतकों के परिजन के लिए चार-चार लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है. मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि राज्य के 3 जिलों में वज्रपात से 5 लोगों की मृत्यु दु:खद है. प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है. सभी मृतकों के परिजन को तत्काल 4-4 लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का पालन करें. खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें. उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछले एक पखवारे में वज्रपात के कारण करीब डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो गई.

मानसून को लेकर सतर्क है सरकार 

बिहार में मानसून की बारिश के बीच जहां कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, वहीं सरकार तटबंधों की निगरानी के लिए ड्रेान की मदद लेने की बात कर रही है. इधर, प्रमुख नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद कई तटबंधों पर दबाव बना हुआ है.

जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि इस वर्ष बाढ़ अवधि को लेकर विभाग तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. बाढ़ पर सुरक्षात्मक गतिविधियों, नई तकनीक, बाढ़ प्रबंधन सुधार केंद्र के विस्तृत डाटा के उपयोग, पूर्व चेतावनी व्यवस्था को और मजबूत बनाने तथा तटबंधों और नदियों की निगरानी में ड्रोन का इस्तेमाल करने की तैयारी में है.

इधर, राज्य के कई हिस्सों में हो रही बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने भी पिछले दिनों अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इन बातों को लेकर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया था. झा कहते हैं कि बारिश और नेपाल से आ रही नदियों के पानी को तो रोका नहीं जा सकता, लेकिन उपलब्ध उपायों से बाढ़ से बचाव तथा उससे कम नुकसान हो इसे लेकर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

(इनपुट: आईएएनएस)

 

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