बिहार: माधव आनंद बोले- सवर्णों की हो रही उपेक्षा, आयोग बनाने की मांग की
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बिहार: माधव आनंद बोले- सवर्णों की हो रही उपेक्षा, आयोग बनाने की मांग की

माधव आनंद ने कहा, 'जहां से मैं आता हूं उसकी बात भी होनी चाहिए. क्योंकि आज मेरा समाज उपेक्षित महसूस कर रहा है. उसकी बात कोई नहीं करता.'

(फाइल फोटो)

पटना: जनता दल यूनाइेटड के राष्ट्रीय प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा है कि आज हर जाति की बात होती है लेकिन कोई भी सवर्णों की बात नहीं करता है. उन्होंने कहा, 'मैं समाज के हर तबके की बात करता हूं लेकिन जो मेरा परिवार (सवर्ण) है उसकी भी बात हो, 'मैंने अपने घर को छोड़ दिया तो ये अन्याय होगा.'

सवर्णों की हो रही उपेक्षा?
माधव आनंद ने कहा, 'जहां से मैं आता हूं उसकी बात भी होनी चाहिए. क्योंकि आज मेरा समाज उपेक्षित महसूस कर रहा है. उसकी बात कोई नहीं करता और इस समाज से ताल्लुक रखने वाले आज बड़े पद होने के बावजूद अपने परिवार तक सीमित रह गए हैं.'

सवर्णों के लिए आयोग बनाने की मांग'
उन्होंने कहा कि आज सवर्ण जातियों में बहुत गरीबी है लेकिन कोई उसकी बात नहीं करता है. माधव आनंद ने बिहार में फिर से सवर्ण आयोग बनाने की मांग. उन्होंने कहा कि सवर्णों के लिए अलग से मंत्रालय बनें. 

'श्री बाबू ने हर तबके के लिए काम किया'
माधव आनंद ने कहा कि हर संस्था में सवर्ण समाज की भागीदारी कम हुई है क्योंकि कोई इसकी बात नहीं करता है. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह को याद करते हुए जेडीयू नेता ने कहा कि श्री बाबू ने हर समाज के लिए काम किया. दलितों को मंदिर में प्रवेश दिलाया लेकिन आज के राजनेता सवर्णों की बात तो करते हैं लेकिन उनके लिए काम नहीं करते हैं.

'जाति एक सच्चाई जिससे इंकार करना नामुकिन'
उन्होंने कहा कि वर्ण व्यवस्था सदियाों से चली आ रही है. जाति एक सच्चाई है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि समाज के हर तबके की बात न हो और उसकी उपेक्षा की जाए.

'जातिगत जनगणना पर JDU का मकसद सही'
वहीं, जातीय जनगणना को लेकर भी माधव आनंद ने विपक्ष पर करारा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना पर जेडीयू का मकसद सही है और सीएम नीतीश कुमार सही नीयत से जनगणना करा रहें हैं. लेकिन कुछ लोग इसका गलत मतलब निकाल रहे हैं.

'संख्या के हिसाब से हिस्सेदारी की बात गलत'
माधव आनंद ने कहा कि संख्या के हिसाब से हिस्सेदारी की बात गलत है. जिसकी जितनी काबिलियत उसे उतनी ही हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच में सक्रिय हुआ और इसके जरिए मैं अपने समाज के लिए कार्य करूंगा.'

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