Chaitra Navratri 2022: घोड़े पर सवार हैं मां दुर्गा, क्या लंबा खिंचेगा युद्ध का माहौल
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Chaitra Navratri 2022: घोड़े पर सवार हैं मां दुर्गा, क्या लंबा खिंचेगा युद्ध का माहौल

Chaitra Navratri 2022: देवी का आगमन किस वाहन पर हो रहा है, यह सप्ताह के दिनों के आधार पर तय होता है. सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा माना जाता है. 

Chaitra Navratri 2022: घोड़े पर सवार हैं मां दुर्गा, क्या लंबा खिंचेगा युद्ध का माहौल

पटना: Chaitra Navratri 2022: इस बार 2 अप्रैल 2022 से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है. आने वाले शनिवार को घट स्थापना के साथ देवी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री का पूजन किया जाएगा. इसी के साथ नौ दिनों के नवरात्र और देवी अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. इस बार नवरात्र में खास बात है देवी का वाहन. नवरात्र की शुरुआत मंगलवार से हो रही है तो इस बार देवी के आगमन का वाहन घोड़ा है. देवी दुर्गा के आगमन के लिए हर नवरात्रि पर उनका वाहन तय होता है.

  1. इस बार देवी घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं.
  2. दिनों के आधार पर तय होता है देवी का वाहन

इस बार का वाहन घोड़ा
जानकारों की मानें तो इस बार देवी घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. देवी भागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा का वाहन सिंह है, लेकिन इसी ग्रंथ के आधार पर नवरात्रि में मां के आगमन के वाहन अलग-अलग बताए जाते हैं. 

दिन के आधार पर तय होता है वाहन
देवी का आगमन किस वाहन पर हो रहा है, यह सप्ताह के दिनों के आधार पर तय होता है. सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा माना जाता है. गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं. बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं.

इस श्लोक में है वर्णन
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता ।।

वाहनों का यह है महत्व
मां दुर्गा जिस वाहन से नवरात्र में भक्तों के घर आती हैं, उसके अनुसार सालभर होने वाली घटनाओं का भी अनुमान लगाया जाता है. इनमें कुछ वाहन शुभ फल देने वाले और कुछ अशुभ फल देते हैं. देवी जब हाथी पर सवार होकर आती है तो पानी ज्यादा बरसता है. देवी घोड़े पर आती हैं तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है. देवी नौका पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और डोली पर आती हैं तो महामारी का भय बना रहता हैं. इसका भी वर्णन देवी भागवत में किया गया है.
गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।
नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।

इस बार देवी घोड़े पर आ रही हैं. बीते साल भी चैत्र नवरात्र में माता का वाहन घोड़ा ही था. इन एक साल के अधिकांश समयों पर नजर डालें तो संसार में चारों ओर युद्ध की विभीषिका ही रही है. बीते साल इजराइय-फिलिस्तीन युद्ध, इसके बाद तालिबान का अफगान पर कब्जा और अब रूस-यूक्रेन युद्ध जारी है. ये संकेत है कि आने वाले दिन भी युद्ध के अशांत माहौल में गुजरने वाले हैं. 

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