इन चार दिनों में छठ पर्व को लेकर पूरा बिहार भक्तिमय हो गया. मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंज उठे. गंगा घाटों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई.
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Patna: लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath) की धूम देश-विदेश तक देखने को मिलती है. बिहार में भी छठ पर्व को लेकर उत्साह चरम पर रहा. सोमवार को 'नहाय खाय' के साथ शुरू हुआ चार दिनों का पर्व गुरुवार सुबह उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद समाप्त हो गया. इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर व्रत समाप्त करेंगे.
हालांकि, इन चार दिनों में छठ पर्व को लेकर पूरा बिहार भक्तिमय हो गया. मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंज उठे. गंगा घाटों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई.
दुसरे दिन खरना प्रसाद ग्रहण करके छठ व्रतीयों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया. ज्ञात हो कि खरना प्रसाद का महत्व बहुत ज्यादा है. इसमें शुद्धता के साथ प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उपयोग होता है.
बुधवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया. इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपनी श्रद्धा अर्पित की. मुख्यमंत्री ने सभी को छठ की शुभकामनाएं दीं और सुरक्षित रूप से व सावधानीपूर्वक छठ पर्व मनाने का आग्रह किया.
गुरूवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक व्रत रखा गया. इस दौरान सूर्य भगवान और छठी मैया की भक्ति में गाए गए गीतों से पूरा वातावरण गूंज उठा.