बिहार पहुंची लखीमपुर की 'आग', 'बेगुनाहों' की मौत पर 'मौन' प्रहार!
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बिहार पहुंची लखीमपुर की 'आग', 'बेगुनाहों' की मौत पर 'मौन' प्रहार!

एक तरफ कांग्रेस ने लखीमपुर की घटना को लेकर BJP पर हमला बोल रखा है, तो दूसरी तरफ सत्तापक्ष मामले में बचाव का रास्ता निकाल रहा है. सत्तापक्ष का कहना है कि 'कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है.'

 

बिहार पहुंची लखीमपुर की 'आग'. (फाइल फोटो)

Patna: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना ने बिहार की सियासत को भी गर्म कर दिया है. लखीमपुर में जिस तरह से किसानों को गाड़ी से कुचल दिया गया, उसके खिलाफ बिहार में विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है. इस मामले में केन्द्रीय राज्यमंत्री के आरोपी बेटे के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने की मांग विपक्ष कर रहा है. बिहार के साथ-साथ पूरे देश में कांग्रेस (Congress) ने लखीमपुर की घटना को लेकर मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने इस घटना को जलियांवाला बाग की तरह का क्रूर नरसंहार बताया है.

एक तरफ कांग्रेस ने लखीमपुर की घटना को लेकर BJP पर हमला बोल रखा है, तो दूसरी तरफ सत्तापक्ष मामले में बचाव का रास्ता निकाल रहा है. सत्तापक्ष का कहना है कि 'कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में लगी है.'

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विपक्ष का 'खामोशी' से सत्ता पर वार
बिहार में सत्तापक्ष के विरोध का बीड़ा वैसे तो हमेशा से मुख्य विपक्षी पार्टी RJD उठाती रही है लेकिन इस बार ये बीड़ा कांग्रेस ने उठाया है. दरअसल, लखीमपुर में हुई घटना पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की है. ऐसे में कांग्रेस इसे राष्ट्रव्यापी मुद्दा बनाने में जुटी हुई है. बिहार में भी कांग्रेस ने लखीमपुर की घटना को लेकर 'मौन व्रत' का फैसला किया है. पटना के इनकम टैक्स गोलंबर पर कांग्रेस के तमाम दिग्गज इकट्ठा हुए और तीन घंटे का 'मौन व्रत' धारण किया. 

कांग्रेस का कहना है कि 'फासीवादी ताकतों की खिलाफत करने का सबसे कारगर हथियार मौन होता है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने मौन व्रत को एक अचूक हथियार की तरह अंग्रेजों के खिलाफ इस्तेमाल किया. अब महात्मा गांधी के हत्यारों की वाहवाही करने वाली BJP की क्रूरता के खिलाफ कांग्रेस ने इसी मौन को अपना हथियार बनाया है. इसके जरिए पूरे देश में किसानों की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा.'

कांग्रेस के 'मौन' को RJD का समर्थन
वहीं, कांग्रेस के 'मौन व्रत' को बिहार के मुख्य विपक्षी दल RJD का भी पूरा समर्थन मिला. RJD ने कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन की तारीफ की और कहा कि 'देश में जिस तरह से उन्मादी ताकतें सिर उठा रही हैं, वो खतरे का संकेत है. BJP ने देश में गरीबों और किसानों को इतना प्रताड़ित किया है कि उनके लिए जीना भी मुश्किल हो रहा है. किसान एक साल से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है. एक तरफ तो उनकी आवाज अनसुनी की जा रही है, तो दूसरी तरफ उन गरीब किसानों को गाड़ियों तले रौंद दिया जा रहा है. ऐसे में केन्द्रीय मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए और उनके बेटे पर हत्या का मुकदमा चलाकर कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.'

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'बाहरी' मुद्दा बताकर NDA का पलटवार 
कांग्रेस ने देश के बाकी राज्यों की तरह बिहार में भी 'मौन व्रत' के जरिए अपना विरोध जताया लेकिन कांग्रेस का ये प्रदर्शन बिहार के सत्ताधारी दलों को रास नहीं आया. BJP ने इस प्रदर्शन को कांग्रेस का सियासी स्टंट बताकर तंज कसा. BJP ने कहा कि 'बिहार में दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस लखीमपुर की घटना को मुद्दा बनाकर भुनाना चाहती है. सिर्फ सियासी मकसद से इस मामले को बिहार में उछालने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस का मौन व्रत करना लाजिमी है, क्योंकि जिस पार्टी में कोई नेतृत्वकर्ता ही न हो उसका मौन रहना स्वभाविक है. कांग्रेस के पास वैसे भी बोलने के लिए कुछ नहीं है.'

'ऐसे गंभीर मामलों पर हल्की राजनीति नहीं होनी चाहिए'
NDA में BJP की सहयोगी पार्टी JDU ने भी कांग्रेस के मौन व्रत को सियासत से प्रेरित बताया. JDU ने पहले तो लखीमपुर खीरी में हुई घटना की निंदा की, फिर मामले में मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी को लेकर सरकार की निष्पक्षता की तारीफ की. JDU ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश सरकार और वहां के प्रशासन ने मंत्री के बेटे को गिरफ्तार कर ये संदेश दिया है कि कानून के आगे सब बराबर हैं. मामले में जो भी दोषी हैं उन पर कठोर कार्रवाई होनी ही चाहिए. लेकिन इस मामले को अब विपक्षी पार्टियां सियासी रोटी सेंकने का जरिया बना रही हैं. ऐसे गंभीर मामलों पर हल्की राजनीति नहीं होनी चाहिए.'

कुल मिलाकर भले ही सत्तापक्ष कांग्रेस या विपक्ष के विरोध को राजनीतिक करार दे रहा है, लेकिन लखीमपुर खीरी का मामला कांग्रेस के लिए एक बड़ा मुद्दा है. बिहार में भी कांग्रेस इस मुद्दे को फिलहाल ठंडा होने देने के मूड में नहीं है.

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