बिहार में बढ़ सकता है ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा, जानिए क्यों
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बिहार में बढ़ सकता है ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा, जानिए क्यों

Omicron Variant: ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे से बचाव को लेकर सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई बावजूद इसके लापरवाही करने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है.

 

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Patna: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) को लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा है, बावजूद इसके लिए कई लोग जमकर लापरवाही कर रहे हैं. राजधानी पटना में इसकी झलक साफतौर पर देखने को मिल रही है. ओमिक्रॉन के खतरे के बावजूद लोग बाजार और सब्जी मंडियों में ब्रेफिक्र होकर खरीदारी कर रहे हैं. इस दौरान वो सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing), मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग नहीं कर रहे हैं.

  1. कोरोना गाइडलाइन का नहीं किया जा रहा पालन
  2. प्रभावित देशों से पटना आए सभी लोगों की अब तक नहीं हुई जांच

नियमों की हो रही अनदेखी
दरअसल, ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे से बचाव को लेकर सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी की गई बावजूद इसके लापरवाही करने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. एक तरफ जहां लोग गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं तो वहीं सरकारी स्तर पर भी कई लापरवाही देखने को मिल रही है. 

केंद्र ने प्रभावित देशों से आए लोगों की भेजी लिस्ट
दरअसल, केंद्र ने विभिन्न प्रभावित देशों से पटना आए लोगों की सूची भेजी है लेकिन इसमें से अभी तक सबके नमूने नहीं लिए जा सके हैं. इतना ही नहीं, ओमीक्रोन प्रभावित देशों से आने वाले लोगों को चिह्नित कर उनकी जांच करने की रफ्तार भी धीमी है और रिपोर्ट आने तक उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया जा रहा है.

RT-PCR रिपोर्ट जरूरी
हालांकि, राहत की बात ये है कि जिन लोगों की टेस्टिंग हुई है उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो लोगों को 8 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना पडे़गा. चिकित्सा विभाग का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जिन लोगों की लिस्ट भेजी गई है उसमें से ज्यादातर लोग सीधे पटना नहीं आए हैं. कई लोग दिल्ली-नोएडा होने के बात कर रहे हैं और बिना बताए अपने घर निकल जा रहे हैं. ऐसे में जिन लोगों की 72 घंटे पहले तक आरटीपीसीआर रिपोर्ट (RT-PCR Report) नेगेटिव है, उन्हें छोड़कर हवाईअड्डे और स्टेशन से आने वाले सभी की जांच की जा रही है.

यहां कराया जा रहा इलाज
इसके अलावा, अगर कोई पॉजिटिव आता है तो उसे PMCH, NMCH या IGIMS में भर्ती कराने के साथ जीन सीक्वेंङ्क्षसग (Gene Sequencing) के लिए नमूने भेजे जाएंगे. वहीं, कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट है. 

बॉर्डर पर बढाई गई चौकसी
सरकार ने बचाव के लिए पहले से गाइडलाइन जारी कर दी है. वैक्सीनेशन प्रक्रिया लगातार बढ़ाई जा रही है. सीत ही राज्य में संक्रमण फिर से न फैले इसको लेकर बॉर्डर पर चौकसी चौकसी बढ़ा दी गई है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद राज्य में आने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. 

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चिकित्सकों-कर्मियों की छुट्टी पर लगी रोक
इधर, ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर शिवहर में चिकित्सकों और कर्मियों के छुट्टी पर रोक लगा दी गई है. हॉस्पिटल में दवा समेत इलाज में प्रयोग वाले उपकरण व सभी बेड तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. सदर अस्पताल में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड तैयार करने को कहा गया है.

98.33 प्रतिशत रिकवरी दर
वहीं, शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने ट्वीट कर कहा, 'बिहार में विगत 24 घंटे में 01 मरीज हुए स्वस्थ, सूबे में कुल स्वस्थ मरीजों का आंकड़ा पंहुचा 7,14,111 एवं रिकवरी दर 98.33 प्रतिशत है. राज्य में कोरोना के कुल एक्टिव मरीज 29 हैं.'

सिर्फ 38.9 फीसदी ने लगवाई दोनों डोज
इस बीच, शुक्रवार को लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने बताया कि जोखिम वाले देशों की 58 विमानों से 16 हजार लोग भारत लौटे हैं. जिसमें से जांच में 18 लोग संक्रमित मिले हैं. वहीं, रिपोर्ट्स की मानें तो, बिहार में अब तक 74.7 प्रतिशत लोगों को टीका की पहली खुराक और 38.9 फीसदी लोगों को दोनों खुराक लग चुकी है. हालांकि, राज्य सरकार लगातार टीकाकरण की रफ्तार बढ़ा रही है.

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