कहते हैं कि इरादे बुलंद हों तो हर मुश्किल रास्ते आसान हो जाते हैं. सिवान के एक मजदूर की बेटी और 5 वीं क्लास की दिव्यांग छात्रा प्रियांशु कुमारी ने भी कुछ ऐसा ही उदाहरण सामने रखा है. अपने सपनों को साकार करने के लिए यह दिव्यांग लड़की एक पैर के जरिए स्कूल जाती है.
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सिवानः कहते हैं कि इरादे बुलंद हों तो हर मुश्किल रास्ते आसान हो जाते हैं. सिवान के एक मजदूर की बेटी और 5 वीं क्लास की दिव्यांग छात्रा प्रियांशु कुमारी ने भी कुछ ऐसा ही उदाहरण सामने रखा है. अपने सपनों को साकार करने के लिए यह दिव्यांग लड़की एक पैर के जरिए स्कूल जाती है. उसे एक पैर पर संतुलन बनाते हुए करीब 1 किमी की दूरी तय करनी होती है, लेकिन वह हार नहीं मानती है. डॉक्टर बनना उसका सपना हैं, इसलिए तमाम तकलीफों को किनारे रखकर एक पैर पर करीब 1 किमी चलकर स्कूल पहुंचती हैं.
एक पैर से जाती है प्रियांशु स्कूल
यह तस्वीर देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पैतृक प्रखंड जीरादेई के नरेंद्रपुर के बनथु श्रीराम गांव की है. दिव्यांग प्रियांशु कुमारी गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है. उसके पिता रामसागर चौहान खेतो में मजदूरी करते है और मां घर का काम करती है. प्रियांशु एक पैर पर लगभग 1 किलोमीटर से ज्यादा सफर तय कर स्कूल जाती है और अपनी पढ़ाई पूरी करती है. वहीं जिस स्कूल में वो पढ़ती है उस स्कूल के टीचर राजन कुमार चौबे भी खुद विकलांग हैं और इसे मुक्त शिक्षा देते हैं. इस लड़की का सपना है कि वह बड़े होकर आगे बढ़े और डॉक्टर बने ताकि लोगों का इलाज कर सके. यह तस्वीर पूरे समाज के लिए प्रेरणा है. जो प्राकृतिक प्रभाव और आर्थिक अभाव में पढ़ नहीं पाते हैं.
#WATCH Bihar | Siwan's Priyanshu Kumari, a specially-abled girl who wants to be a doctor struggles to reach school which is 2 km far. "I urge govt to provide me with a prosthetic limb. I have been this way since childhood, but don't want to give up on my dreams," she said (29.06) pic.twitter.com/iiIOtlBSfJ
— ANI (@ANI) June 29, 2022
समाज को एक नई दिशा दे रही प्रियांशु
ऐसे में प्रियांशु कुमारी के इस जज्बे ने शिक्षा के प्रति अपनी एक नई सोच पैदा की है और समाज को एक नई दिशा दे रही है. हम प्रियांशु कुमारी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए यह आशा करते हैं कि निश्चित रूप से इनके इस जज्बे को सरकार और समाजसेवी अपनी नजर में रखेंगे और इनके भविष्य को संवारने में सहयोग करेंगे. जी मीडिया की टीम ने पटना के एक समाजिक संस्था से प्रियांशु से कॉल पर बात कराई. जिसके बाद संस्था ने कृत्रिम पैर एक सप्ताह के अंदर लगवाने का आश्वाशन दिया है. वहीं प्रियांशु भरोसा मिलते ही भावुक हो गई.
(रिपोर्ट-अमित सिंह)
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