डॉक्टर अमेरेंद्र झा ने कहा कि ओमिक्रॉन से घबराने की जरूरत नहीं है. ये बीमारी बिना हॉस्पिटल जाए भी ठीक हो सकती है. सर्दी-खांसी की दवा लेने पर 95 फीसदी मरीज ठीक हो जा रहे हैं.
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पटना: कोरोना वायरस के मामले लगातार देश में बढ़ रहे हैं. इससे बिहार और झारखंड भी अछूता नहीं है. इस बीच ओमिक्रॉन वैरिएंट ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो ओमिक्रॉन से बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. इस बीच हमने वरिष्ठ डॉक्टर अमरेंद्र झा से बात की और कोरोना की तीसरी लहर, बूस्टर डोज आदि को लेकर तमाम सवाल पूछे.
ओमिक्रॉन कितना खतरनाक है?
डॉक्टर के अनुसार ओमिक्रॉन से घबराने की जरूरत नहीं है. इसके लक्षण बहुत ही साधारण हैं. दूसरी लहर में Lower Respiratory Tract Infection भी लोगों को हो रहे थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. दूसरी लहर में 40 साल के ऊपर वाले मरीज अगर कोविड-19 हो रहा था तो और अगर उन्हें उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी बीमारी रहती थी तो उनके अंदर खून जमने या अन्य कोई भी कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना रहती थी. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हैं. जो भी मरीज अब तक आ रहे हैं उसमें बहुत ही साधरण लक्षण हैं और कई बार तो उन्हें पता भी नहीं चलता.
ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज कितने दिन में ठीक होते हैं?
आमतौर पर कोई भी वायरल फीवर 7 से 14 दिन में ठीक हो जाता है. लेकिन जैसे इसमें हल्के लक्षण दिख रहे हैं तो मानकर चलिए कि 7 से 8 दिन में लक्षण खत्म हो जाता हैं, उसके बाद थोड़े दिन तक कमजोरी रहती है.
ओमिक्रॉन के क्या लक्षण हैं?
लक्षण बहुत ही साधारण हैं. हल्का बुखार आएगा, Upper Respiratory Tract Infection जैसे- छींक आना, खांसी आना, नाक बहना यही आमतौर पर लक्षण हैं. बहुत कम लोग को ही कोई और लक्षण होता है. अगर सर्दी-खांसी के साथ हल्का बुखार आए तो समझ लीजिए कोविड है.
कब लगवाएं बूस्टर डोज?
कोरोना की वैक्सीन सबको लगवाना जरूरी है. टीका लगवाने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि व्यक्ति को कोरोना की गंभीर बीमारी नहीं होगी. वैक्सीन लगवाने से शरीर में 6 से 9 महीने तक Antibody रहती है जो कोरोना के इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम रहती है. बूस्टर डोज वही लगवाए जिसको वैक्सीन की दोनों डोज लिए 6 महीने हो गए हैं. बूस्टर डोज लगवाने से 9 महीने तक कोरोना का सीवियर इंफेक्शन नहीं होगा.
इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज लोगों पर टीका कारगर है?
नहीं, जिनको Autoimmune Disease होता है वो इम्यूनो कॉम्प्रोमाइज होते हैं. ऐसे लोगों के लिए वैक्सीन कारगर नहीं होता है. इसके लिए नया इंजेक्शन EVUSHELD निकला है, इसका एक डोज लेते ही 6 महीने से 1 साल तक कोरोना के Severe Infection होने के चांस नहीं हैं.
बच्चों को कैसे बचाएं?
जो लोग घरों के बाहर जा रहे हैं, वो घर के सदस्यों से थोड़ा दूरी बनाएं. बच्चों को मुंह कम से कम छुने के लिए कहें, हाथ को बार-बार साबुन से धुलें. मास्क पहनें, गर्म पानी पीएं, स्टीम लें और काढ़ा का सेवन करते रहें.
पोस्ट कोविड के बाद कॉम्प्लिकेशन होगा?
पोस्ट कोविड के बाद कॉम्प्लिकेशन होगा लेकिन बहुत हल्का होगा और बहुत ज्यादा दिन नहीं चलेगा.
कब पीका पर होगा ओमिक्रॉन?
15 जनवरी के बाद ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ेंगे और 15 मार्च के बाद से केस होने शुरू हो जाएंगे.
कोरोना कब खत्म होगा?
अभी ये लगभग एंडमिक है पहले कोरोना पैंडमिक था. अब ऐसे ही चलेगा, ये कभी हमेशा के लिए नहीं जाएगा. सिंपल सर्दी की तरह रहेगा, इतना भी खतरनाक नहीं रहेगा जैसे दूसरी लहर में देखा गया था. इस वायरस का दूसरा रूप पहले भी आता था पर कुछ महीनों के लिए आता था. लेकिन अब लंबा चलने लगा, आगे भी छोटी-छोटे लहर आएंगी उसमें भी सर्दी खांसी की संभावना रहेगी मौत की संभावना बहुत कम रहेगी.
डॉक्टर अमरेंद्र झा ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. ये बीमारी बिना अस्पताल जाए भी ठीक हो सकती है. सर्दी-खांसी की दवा लेने पर 95 फीसदी मरीज ठीक हो जा रहे हैं. लेकिन टेस्ट करवाएं और वैक्सीन जरूर लें.