JDU नेता ने जनता दरबार में किया बवाल, बदसलूकी देख नीतीश के मंत्री के उड़े होश
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JDU नेता ने जनता दरबार में किया बवाल, बदसलूकी देख नीतीश के मंत्री के उड़े होश

मंत्री विजेंद्र यादव ने युवक की हरकत को गैर जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह से हंगामा करने की बजाय युवक को लोक शिकायत निवारण कानून के तहत जाना चाहिए था, लेकिन वो बदतमीजी करने लगा. 

जेडीयू नेता ने जनता दरबार में किया बवाल.

Patna: जेडीयू की ओर से आजकल कार्यकर्ता दरबार लगाया जा रहा है. हर दिन मंत्री कार्यकर्ताओं की समस्याओं को दूर करने के लिए पार्टी दफ्तर में बैठते हैं. लेकिन गुरुवार को कार्यकर्ता दरबार हंगामेदार हो गया. फरियाद लेकर पहुंचा एक जेडीयू नेता नाराज हो गया. जेडीयू नेता ने न केवल मंत्री से बदतमीजी की बल्कि मंत्री के बॉडीगार्ड से भी धक्का-मुक्की कर दी. जेडीयू नेता बिजली विभाग की ओर से किये गए एफआईआर (FIR) से परेशान था. 

  1. जनता दरबार में जेडीयू नेता ने मंत्री से की बदसलूकी
  2. बिजली विभाग के एफआईआर से नाराज था जेडीयू नेता

जेडीयू नेता ने उर्जा मंत्री से की बदतमीजी 
गुरुवार को जेडीयू का कार्यकर्ता दरबार हंगामा दरबार बन गया. जेडीयू का एक नेता सार्वजनिक तौर पर मंत्री की इज्जत इस तरह उतारेगा किसी को उम्मीद नहीं थी. दरअसल, पटना ग्रामीण के जेडीयू उपाध्यक्ष रंजीत पटेल कार्यकर्ता दरबार में फरियाद लेकर पहुंचे थे. रंजीत का आरोप है कि अगस्त में उनके के भाई पर बिजली कंपनी की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है. उनके भाई पर बिजली के खंभे को नुकसान पहुंचाने और बिजली के तार को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. 

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FIR से नाराज था JDU नेता 
दरअसल, गुरुवार को उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव कार्यकर्ताओं की फरियाद सुन रहे थे. मंत्री ने रंजीत पटेल की फरियाद सुनने की बजाय लोक शिकायत निवारण कानून में जाने की सलाह दे डाली, जिससे नाराज रंजीत पटेल ने ये कहना शुरू कर दिया कि फिर इस दरबार का क्या मतलब. रंजीत पटेल की मानें तो उसके भाई पर बिजली कंपनी ने गलत केस कर दिया है. साथ ही, इंजीनियर मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे मांग रहा था. 

'JDU नेता की हरकत गैर जिम्मेदाराना' 
इधर, मंत्री विजेंद्र यादव ने युवक की हरकत को गैर जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह से हंगामा करने की बजाय युवक को लोक शिकायत निवारण कानून के तहत जाना चाहिए था, लेकिन वो बदतमीजी करने लगा. 

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 घटना से सकते में JDU ऑफिस के पदाधिकारी-मंत्री 
ऊर्जा मंत्री को ये कतई उम्मीद नहीं थी कि उनकी ही पार्टी का नेता उनके साथ ऐसा बर्ताव करेगा. हालांकि, घटना के बाद संगठन के नेता सोचने पर मजबूर हो गए कि ऐसी हरकतों का आखिर क्या उपाय किया जाए? 

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