बैठक में लिये गये फैसले को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने सही बताया और कहा कि इसे आरसीपी सिंह (RCP Singh) के फैसलों को पलटे जाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये.
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Patna: राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह ने बिहार जदयू के प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों के साथ पहली बैठक की, जिसमें उन्होंने जो फैसले लिये, उससे साफ हो गया कि अब जदयू में ललन सिंह का युग आ गया है. उन्होंने आरसीपी सिंह के प्रकोष्ठों को मजबूत और स्वतंत्र बनाने के फैसले को एक झटके में खारिज कर दिया. लोकसभा और विधानसभा प्रभारियों के पद को खत्म कर दिया. अब तक जदयू के हर प्रकोष्ठ में लोकसभा और विधानसभा प्रभारी बनाये जा रहे थे, लेकिन अब केवल मुख्य विंग में विधानसभा प्रभारी होंगे, बाकी जितने भी लोकसभा और विधानसभा प्रभारी बनाये गये थे, सबके पद तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिये गए हैं.
समन्वय बनाने की तय हुई रणनीति
दरअसल, जदयू के प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में ललन सिंह ने सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्षों की बात सुनी और फैसला पहले से ही तय था. बैठक समाप्त होने के साथ इसका ऐलान ललन सिंह ने अपने अंदाज में किया. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों की बात उन्होंने सुनी. पार्टी के अंदर समन्वय बनाने को लेकर फैसला लिया गया. अब पार्टी में प्रदेश, जिला और प्रखंड कमेटी मुख्य रूप से काम करेगी. पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठ अब जिले की मुख्य विंग के अध्यक्ष के साथ मिलकर काम करेंगे.
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लोकसभा प्रभारी का पद किया गया समाप्त
ललन सिंह ने कहा कि अब पार्टी में जिला, प्रखंड और राज्य स्तर पर समन्वय स्थापित करके काम होगा. किसी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. अगर कोई लापरवाही करता है, तो उसको लेकर पार्टी की ओर से कड़ा फैसला लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी तक सभी प्रकोष्ठों में जिस तरह से संगठन का विस्तार हो रहा था. उससे पार्टी के अंदर ही पैरलल संगठन खड़े हो रहे थे, जिससे कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही थी. इसको दूर करने के लिए फैसला लिया गया है. अब पार्टी में लोकसभा प्रभारी का पद पूरी तरह से समाप्त किया जाता है. इसके साथ ही विधानसभा प्रभारी का पद भी खत्म किया जा रहा है. केवल जिलों में मुख्य विंग के विधानसभा प्रभारी रहेंगे.
जिलों में 2 प्रभारियों की नियुक्ति
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि अब जिलों के लिए दो प्रभारियों की नियुक्ति की गयी है, जिन्हें प्रभारी बनाया गया है. सभी प्रदेश स्तर के पदाधिकारी हैं. पार्टी के सभी 41 जिला संगठनों के लिए 82 प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गयी है. अब यही प्रभारी मुख्य रूप से जिले में होनेवाली गतिविधियों को देखेंगे. हर माह के पहले और तीसरे सप्ताह में जिलों का दौरा करेंगें और फीडबैक पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को देंगे.
बैठक में लिये गये फैसले को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने सही बताया और कहा कि इसे आरसीपी सिंह (RCP Singh) के फैसलों को पलटे जाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिये, क्योंकि पार्टी में निश्चित अंतराल पर बैठक होती है, जिसमें मिलनेवाले फीडबैक के आधार पर फैसला लिया जाता है. अभी जिन लोकसभा और विधानसभा प्रभारियों के पद को समाप्त किया गया है, जो लोग इन पदों पर थे, उन्हें पार्टी के संगठन में समायोजित किया जायेगा. जल्द ही इसका फैसला हम लेंगे. उन्होंने कहा कि अब नये जिला प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गयी है. कुछ समय के बाद में उनके काम की भी समीक्षा की जायेगी.
नवीन आर्या को मिला JDU प्रदेश मुख्यालय का जिम्मा
जदयू के प्रदेश मुख्यालय का जिम्मा नवीन कुमार आर्या को सौंपा गया है. नवीन आर्या पहले पार्टी के मुख्यालय महासचिव थे, लेकिन अभी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. पहली बार है, जब किसी प्रदेश उपाध्यक्ष को पार्टी प्रदेश मुख्यालय का प्रमुख बनाया गया है. इसके अलावा महासचिव मृत्युंजय कुमार, सचिव वासुदेव कुशवाहा और मनीष कुमार मुख्यालय का काम देखेंगे. आरसीपी सिंह के करीबी माने जाने वाले अनिल कुमार सिंह की छुट्टी पार्टी मुख्यालय से कर दी गयी है.
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'हम किसी तीसरे मोर्चे को नहीं जानते'
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने तीसरे मोर्चे के गठन की संभावना को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि हमारा दल आप जानते हैं कि किसके साथ है. हम एनडीए गठबंधन में हैं. वहां ठीक हैं. हम किसी तीसरे मोर्चे के बारे में नहीं जानते हैं. मुख्यमंत्री के हरियाणा के जींद में होनेवाले चौधरी देवीलाल के जयंती समारोह में शामिल होंने के सवाल पर कहा, 'ये फैसला मुख्यमंत्री लेंगे. पार्टी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) हमारे सर्वमान्य नेता हैं. वो खुद तय करेंगे, उन्हें कहां जाना है और कहां नहीं.'
तेजस्वी यादव का दावा हवा हो जायेगा
JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने विधानसभा की दो सीटों पर आनेवाले दिनों में होनेवाले उपचुनाव के संबंध में बात की और तेजस्वी यादव को उस दावे को हवा-हवाई कर दिया, जिसमें उन्होंने जदयू की सिटिंग रही तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर जीत की बात कही थी. उन्होंने कहा कि बड़ा दावा कर रहे हैं. हम चुनाव के बाद इस पर बात करेंगे. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) दावा ही करते रहते हैं. 2025 तक देखियेगा, वो कहां जायेंगे.
UP चुनाव अकेले लड़ने के दिए संकेत!
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि हमने पहले इसके बारे में स्थिति साफ कर दी है. यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. हमारी कोशिश होगी, हम वहां पर एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ें, लेकिन हमारे दल को अगर सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती हैं, तो हम अकेले उत्तर प्रदेश के चुनाव में उतरेंगे.