Bihar Politics: CPI में अलग-थलग पड़े कन्हैया कुमार कांग्रेस के 'हाथ' को करेंगे मजबूत?
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Bihar Politics: CPI में अलग-थलग पड़े कन्हैया कुमार कांग्रेस के 'हाथ' को करेंगे मजबूत?

जनवरी के आखिरी हफ्ते में हैदराबाद में आयोजित सीपीआई की बैठक में अनुशासनहीनता के मामले में कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था. उन पर पार्टी सचिव इंदु भूषण के साथ बदसलूकी करने का आरोप है. 

कन्हैया कुमार और राहुल गांधी के बीच दो बार मुलाकात हो चुकी है.

Patna: बिहार के राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा इन दिनों गर्म है कि सीपीआई नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार जल्दी ही कांग्रेस का 'हाथ' थाम सकते हैं.  सूत्रों के मुताबिक, कन्हैया कुमार हाल के दिनों में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से दो बार मुलाकात कर चुके हैं और इस दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर मौजूद थे. हालांकि, कन्हैया कुमार ने इन अटकलों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, 'इसमें कोई सच्चाई नहीं है. मैं मुख्यधारा की राजनीति में हूं और एक राष्ट्रीय पार्टी का सदस्य हूं. राजनीति रहने वालों की कई लोगों से मुलाकात होती है.'

  1. कन्हैया कुमार और राहुल गांधी की दो बार हो चुकी है मुलाकात
  2. राहुल-कन्हैया की मुलाकात के दौरान प्रशांत किशोर रहे मजबूत
  3. कन्हैया कुमार के खिलाफ पार्टी ने पास किया था निंदा प्रस्ताव

पार्टी में अलग-थलग कन्हैया कुमार!
दरअसल, कन्हैया कुमार के सीपीआई छोड़कर कांग्रेस में जाने की अटकलों को इसलिए भी बल मिला है क्योंकि वह इन दिनों अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके हैं. जनवरी के आखिरी हफ्ते में हैदराबाद में आयोजित सीपीआई की बैठक में अनुशासनहीनता के मामले में कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था. उन पर पार्टी सचिव इंदु भूषण के साथ बदसलूकी करने का आरोप है. घटना पटना के पार्टी दफ्तर में एक दिसंबर की बताई जा रही है.

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बता दें कि कन्हैया कुमार ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बेगूसराय सीट से अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन कई बॉलीवुड हस्तियों को चुनाव प्रचार में उतारने के बावजूद कन्हैया कुमार को बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने बुरी तरह शिकस्त दी थी.

कांग्रेस को नए चेहरे की तलाश?
जानकारों की मानें तो, बिहार में अपनी जमीन खो रही कांग्रेस को भी नए चेहरे की तलाश है. प्रदेश में पार्टी लगातार सिमटती जा रही है. साल 2015 में कांग्रेस ने आरजेडी-जेडीयू महागठबंधन के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था, तो 27 सीटों पर जीत मिली थी, वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 19 सीटों पर सिमट गई. लोकसभा चुनाव की बात करें, तो 2019 में पार्टी एक सीट पर खाता खोल पाई, ऐसे में पार्टी युवा नेता के तौर पर कन्हैया कुमार से उम्मीदें लगाए हुए है.

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