जीतन राम मांझी ने दिया 'भगवान राम' पर विवादित बयान, शुरू हुआ सियासी घमासान
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जीतन राम मांझी ने दिया 'भगवान राम' पर विवादित बयान, शुरू हुआ सियासी घमासान

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भगवान राम पर विवादित बयान देकर सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है. हर तरफ जीतन राम मांझी के इस बयान को लेकर बवाल तेज हो गया है. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि वे 'भगवान श्रीराम' को नहीं मानते हैं.  

जीतन राम मांझी

पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भगवान राम पर विवादित बयान देकर सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है. हर तरफ जीतन राम मांझी के इस बयान को लेकर बवाल तेज हो गया है. हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि वे 'भगवान श्रीराम' को नहीं मानते हैं.  उन्होंने ये बयान लछुआर में  दिया, जहां वो बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर आयोजित समारोह में हिस्सा ले रहे थे. 

जीतन राम बोले 'भगवान राम' को नहीं महर्षि वाल्मिकी और तुलसीदास को मानते हैं
जीतन राम मांझी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने माता सबरी के जूठे बेर खाए थे, लेकिन ऊंची जाति के लोग हमारा छुआ भी नहीं खाते हैं. हम सिर्फ महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास को मानते हैं, पर राम को नहीं जानते. इसके साथ ही मांझी ने कहा कि राम कोई भगवान थोड़े ही थे, वे तो तुलसीदास और बाल्मीकि रचित रामायण के पात्र थे. 

ब्राह्मणों पर एक बार फिर विवादित बयान देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि जो ब्राह्मण मांस खाते और शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं ऐसे ब्राह्मणों से दूर रहना चाहिए. ऐसे ब्राह्मणों से पूजा पाठ नहीं कराना चाहिए. इसके साथ ही पूजा पाठ और अर्चना पर उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि पूजा पाठ करने से कोई बड़ा नहीं होता. ऐसे में अनुसूचित जाति के लोगों को पूजा पाठ करना बंद कर देना चाहिए.

बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जयंती पर जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड के लछुआर में कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं बाहर से आए लोगों ने देश पर शासन किया है. इस बार कोई भी बात नहीं करता है. उन्होंने आगे कहा की 22 जातियों में बेटी-रोटी का संबंध होना जरूरी है. इससे कई फीसदी लोग बिहार की सत्ता को अपने हाथों में ले सकेंगे.

जीतन के बयान पर शुरू हुआ सियासी घमासान 

उनके विवादित बयान पर सियासी पार्टियों ने पलटवार किया है. जीतन राम मांझी के इस बयान पर भाजपा, कांग्रेस, राजद सभी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान पर जदयू का अलग राग है. जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि उन्होंने रामराज की बात नहीं कि बल्कि सीताराम राज्य की कल्पना वह कर रहें हैं.  अरविंद निषाद ने कहा कि हम सब समाजवादी नेता हैं. समाजवाद के पुरोधा राम मनोहर लोहिया ने सीता राम राज की बात कही थी. जदयू के हिसाब से रामराज नहीं बल्कि सीताराम राज होना चाहिए. 

इधर, बीजेपी के अफजर शम्सी ने कहा कि राम सर्वव्यापी हैं. उन्हें 'इमाम ए हिंद' कहा गया है. पूरी दुनिया के अंदर मर्यादा पुरुषोत्तम राम हैं. उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी की उम्र हो गई है. उनके नाम में राम है. ऐसे में वे राम को इनकार कैसे करेंगे. इन्होंने तो भगवान राम को सभी समुदाय के बीच भगवान का दर्जा दे दिया. 

कांग्रेस ने जीतनराम मांझी के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता हरखू झा ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को इस्लाम कबूल लेना चाहिए. भगवान राम हिंदुओं के देवता हैं. सनातन धर्म में राम और कृष्ण की पूजा होती है. कोई भी हिंदू इससे वंचित नहीं रह सकता. यदि जीतन राम मांझी अपने आप को हिंदू समझते हैं तो वह इस तरह की भाषा का प्रयोग ना करें.

राष्ट्रीय जनता दल ने भी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान से किनारा कर लिया है. राजद नेता और पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने कहा है कि वह हमेशा विवादित बयान देते रहते हैं और मीडिया में बने रहते हैं.

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