अदालत में बहस के दौरान राज के वकील एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा, 'यहां कोई बलात्कार पीड़िता नहीं है, यह झूठा मामला है. मेरे मुवक्किल बेकसूर हैं.'
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Delhi/Patna: कथित बलात्कार के मामले में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद प्रिंस राज (Prince Raj) की अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखने वाले न्यायाधीश ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए विषय से खुद को अलग कर लिया.
विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने विषय को जिला न्यायाधीश के पास वापस भेज दिया, जो याचिका पर नये सिरे सुनवाई के लिए उसे किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपेगे. इससे पहले अदालत ने सभी वकीलों की दलीलें पूरी होने के बाद याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था.
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अदालत में बहस के दौरान राज के वकील एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा, 'यहां कोई बलात्कार पीड़िता नहीं है, यह झूठा मामला है. मेरे मुवक्किल बेकसूर हैं.' राज ने पार्टी की एक पूर्व सदस्य का कथित तौर पर बलात्कार (Rape) करने को लेकर उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किये जाने के बाद 14 सितंबर को अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.
दरअसल, खुद के लोजपा कार्यकर्ता होने का दावा करने वाली महिला ने आरोप लगाया था कि जब वह अचेत थी, उससे बलात्कार किया गया. दिल्ली में पुलिस (Delhi Police) के पास पीड़िता के एक शिकायत दर्ज कराने के करीब तीन महीने बाद यहां की एक अदालत के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
(इनपुट-भाषा)