Navratri Samgri Importance:चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का भी एक खास महत्व है. इसके लिए सात तरह के अनाज का इस्तेमाल होता है. कलश में तिल, गेहूं, चना, जौ, धान, कंगनी और मूंग डाले जाते हैं.
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पटनाः Navratri Samgri Importance: चैत्र नवरात्र मां दुर्गा की विशेष साधना का पर्व है. इस बार नवरात्र की शुरुआत शनिवार 2 अप्रैल से हो रही है. नवरात्र की शनिवार को शुरुआत होने के कारण मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं, जो कि संसार में युद्ध बने रहने का संकेत दे रही हैं. मां की पूजा में जो भी सामग्री इस्तेमाल की जाती है, उनका अपना विशेष महत्व है. माता की पूजा में जौ, कलश, दीपक और नारियल का प्रयोग खास तौर पर करते हैं. जानिए इनका क्या है अर्थ और महत्व.
जौ: मां दुर्गा की पूजा में जौ का विशेष महत्व है. चैत्रनवरात्रि के पहले दिन एक कलश में अच्छी तरह मिट्टी की एक परत बिछाएं. इसके बाद इस पर जौ के बीज डाल दें और फिर से मिट्टी की एक परत बिछा दें. मान्यता के अनुसार इस उपाय को करने से अन्नापूर्णा देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता और घर में कभी धन की कमी नहीं होती.
कलश: चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का भी एक खास महत्व है. इसके लिए सात तरह के अनाज का इस्तेमाल होता है. कलश में तिल, गेहूं, चना, जौ, धान, कंगनी और मूंग डालें. आम के पत्ते के बिना कलश स्थापना अधूरी रह जाती है, इन्हें भी कलश पर रखें. कलश रखने से घर-परिवार में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है.
दीपक: चैत्र नवरात्रि पर पूरे नौ दिनों तक अखंड दीपक जलाने का विधान है. अखंड का अर्थ है दिन-रात जलता रहने वाला दीपक. यह पूजा चैत्रहोने के साथ-साथ बहुत असरदार भी होती है.
माना जाता है कि इन दिनों में भक्त संकल्प लेकर दीपक जलाते हैं, उन्हें मां का आशिर्वाद प्राप्त होता है और मां उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अखंड दीपक जलाने से सभी समस्याओं का नाश होता है.
नारियल: नवरात्र की पूजा में कलश के ऊपर नारियल पर लाल कपड़ा और मोली भी लपेटकर रखी जाती है. ऐसा माना जाता है कि इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. नारियल के बाहरी आवरण को अहंकार का प्रतीक और आंतरिक भाग को पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है. माता01 दुर्गा के समक्ष नारियल को तोड़ने का तात्पर्य अहंकार को तोड़ना है.
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