अमित शाह के बयान पर बोले नीतीश कुमार, कोई इतिहास को कैसे बदल सकता है
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अमित शाह के बयान पर बोले नीतीश कुमार, कोई इतिहास को कैसे बदल सकता है

अमित शाह ने कहा कि ऐसे इतिहासकारों ने जनता के सामने जो देश का इतिहास रखा उसमें से भारत के जननायकों को गायब कर दिया गया. ऐसे में अब समय आ गया है कि देश का सही इतिहास लिखा जाए. इतिहास की सही जानकारी जनता के सामने रखा जाए. 

(नीतीश कुमार)

पटना : हाल ही में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इतिहास के साथ हुई कथित छेड़छाड़ को लेकर बयान दिया था और उनके इस बयान ने खूब सियासी सुर्खियां बटोरी. अमित शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कश्मीर के इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा था कि जिन्‍होंने गलतियां की थी इतिहास लिखने की जिम्‍मेदारी उन्हीं के हिस्से में आई. 

अमित शाह ने कहा कि ऐसे इतिहासकारों ने जनता के सामने जो देश का इतिहास रखा उसमें से भारत के जननायकों को गायब कर दिया गया. ऐसे में अब समय आ गया है कि देश का सही इतिहास लिखा जाए. इतिहास की सही जानकारी जनता के सामने रखा जाए. 

अमित शाह ने इतिहास को लेकर ये कहा था
अमित शाह ने मौजूदा लेखकों और इतिहासकारों का आह्वान करते हुआ कहा कि इतिहास पर टीका-टिप्पणी छोड़कर देश के गौरवशाली इतिहास को ग्रंथ के रूप में जनता के सामने रखा जाए. अमित शाह ने कहा कि इतिहास में भारत में कई साम्राज्य हुए मगर इतिहास लिखने वालों ने मुगल साम्राज्य की ही चर्चा की. उन्होंने कहा कि पांड्य साम्राज्य 800 साल तक चला, जबकि अहोम साम्राज्य असम में 650 साल तक चला. इस साम्राज्य ने बख्तियार खिलजी से लेकर औरंगजेब तक को परास्त किया और असम को स्वतंत्र रखा. शाह ने कहा कि इसी प्रकार पल्लव साम्राज्य 600 साल तक, चालुक्य साम्राज्य 600 साल तक, मौर्य साम्राज्य 500 साल तक तथा गुप्त साम्राज्य 400 साल तक चला. उन्होंने कहा कि समुद्रगुप्त ने तो पहली बार भारत की कल्पना को चरितार्थ करने का साहस दिखाया.  मगर इन सब पर कोई संदर्भ ग्रंथ नहीं लिखा गया.

अमित शाह के बयान पर नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया
अमित शाह के इस बयान के बाद से ही सियासी संग्राम शुरू हो गया था और अब इसपर बिहार के सीएम नीतीश कुमार की भी प्रतिक्रिया आ गई है. अमित शाह के फिर से इतिहास को लिखने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि इतिहास को आप थोड़े ही बदल दीजिएगा, जो है, सो है. किसी भाषा में इतिहास लिखने की बात हो, तो वो अलग है.  इतिहास मौलिक है, इसको कोई कैसे बदल सकता है. मेरी समझ में नहीं, कोई इतिहास बदल जायेगा. उन्होंन कहा कि मुझे नहीं लगता, इतिहास बदलने की कोई बात चल रही है. 

नीतीश कुमार ने आगे कहा कि मुझे समझ नहीं आता है कि कोई इतिहास कैसे बदल सकता है? भाषा एक अलग मुद्दा है, लेक‍िन आप मौल‍िक इतिहास को नहीं बदल सकते हैं. इतिहास, इतिहास है. 

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