'बिहार की जीत' में शुमार झारखंड के लोग, विकास की आस में जोह रहे बाट
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'बिहार की जीत' में शुमार झारखंड के लोग, विकास की आस में जोह रहे बाट

नवादा जिले के रजौली प्रखंड सवाई टांड़ पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया शिव नारायण सिंह के विजय जुलूस में बड़ी संख्या में झारखंड के लोग शामिल हुए थे. दरअसल, सवाई टांड़ पंचायत पहुंचने का रास्ता भी कोडरमा के डोमचांच से होकर आता है. 

'बिहार की जीत' में शुमार झारखंड के लोग. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Nawada: पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Chunav) के तीसरे चरण के तहत प्रत्याशी को जीत बिहार में मिलती है लेकिन खुशी झारखंड में मनाई जाती है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि झारखंड से सटे बिहार के इलाके में हुए पंचायत चुनाव की जीत की खुशी झारखंड के इलाके में भी देखने को मिल रही है. 

बता दें कि नवादा जिले के रजौली प्रखंड सवाई टांड़ पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया शिव नारायण सिंह के विजय जुलूस में बड़ी संख्या में झारखंड के लोग शामिल हुए थे. दरअसल, सवाई टांड़ पंचायत पहुंचने का रास्ता भी कोडरमा के डोमचांच से होकर आता है. साथ ही इस पंचायत से डोमचांच प्रखंड के जानपुर, पारहो और ढोढाकोला पंचायत के दर्जनों गांव सटे हुए हैं.

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सड़क के इस पार जहां बिहार का इलाका है, वहीं दूसरी तरफ झारखंड के क्षेत्र आते हैं. ऐसे में दोनों राज्यों के नजरिए से यह इलाका पूरी तरह से सुदूरवर्ती है और यहां दोनों राज्यों के निवासी विकास की बाट जोह रहे है. फिलहाल सवाई टांड़ पंचायत के बसरौन गांव के स्थानीय निवासी की जीत पर लोग जश्न में सराबोर हैं.

इस जश्न में झारखंड के लोग इसलिए भी सहभागिता निभा रहे हैं क्योंकि जब गांव से होकर सड़क गुजरेगी, बिजली व्यवस्था में सुधार होगा, जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछेगी और स्कूलों में पढ़ाई बेहतर होगी तो दोनों राज्यों के लोगों को फायदा मिलेगा.

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सवाई टांड़ के नव निर्वाचित मुखिया शिव नारायण सिंह ने कहा कि विकास उनका अहम मुद्दा है और अब वे बिहार सरकार के मंत्रियों से इस सुदूरवर्ती इलाके को झारखंड में शामिल करने की मांग करेंगे ताकि किसी एक राज्य में रहकर दर्जनों सुदूरवर्ती गांवों का विकास हो सके.

वहीं, समर्थकों ने भी बताया कि बिहार में हुए पंचायत चुनाव के बाद नवनिर्वाचित मुखिया के विजय जुलूस में बिहार के लोगों के साथ-साथ उससे सटे झारखंड के कई गांवों के लोग भी शामिल हुए. यह विजय जुलूस उन गांवों से होकर यहां तक पहुंचा है.

(इनपुट- गजेन्द्र)

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