रूस और यूक्रेन युद्ध का असर सिल्क सिटी के नाम से विश्वभर में मशहूर भागलपुर के सिल्क उद्योग पर देखने को मिल रहा है. निर्यातकों ने भागलपुरी स्कार्फ का ऑर्डर रोक दिया है. भागलपुरी रेशमी स्कार्फ कुर्ती के कपड़े की मांग यूक्रेन में थी. दो हजार बुनकर स्कार्फ बनाने में जुटे थे.
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Bhagalpur: रूस और यूक्रेन युद्ध का असर सिल्क सिटी के नाम से विश्वभर में मशहूर भागलपुर के सिल्क उद्योग पर देखने को मिल रहा है. निर्यातकों ने भागलपुरी स्कार्फ का ऑर्डर रोक दिया है. भागलपुरी रेशमी स्कार्फ कुर्ती के कपड़े की मांग यूक्रेन में थी. दो हजार बुनकर स्कार्फ बनाने में जुटे थे. कोलकाता, दिल्ली और मुम्बई के निर्यातकों के माध्यम से स्कार्फ भेजा जाता था.
बुनकरों से बात करने के दौरान पता चल रहा है कि रूस यूक्रेन में छिड़े जंग को लेकर बड़े शहरों के निर्यातकों के ऑर्डरमिलने पूरी तरह से बंद हो गए हैं. बुनकर जब निर्यातक से बात करते हैं तो उनका कहना है कि भागलपुरी रेशम और दुपट्टे की मांग यूक्रेन में काफी ज्यादा थी.
रूस और यूक्रेन दोनों देशों से जुड़ा था सिल्क व्यवसाय
बुनकर इबरार अंसारी ने बताया कि रूस और यूक्रेन दोनों देशों से यहां का सिल्क व्यवसाय जुड़ा था. यूक्रेन से ज्यादा ऑर्डर मिलता था. स्कार्फ और कुर्ती बनने के कपड़े भी भेजे जाते थे. लेकिन युद्ध के कारण सब कैंसिल हो गया है. वहीं, बुनकर इबरार अंसारी ने बताया कि जबसे युद्ध शुरू हुआ है तबसे ही ऑर्डर बंद हो गया है. और जो पहले से ऑर्डर मिला था, उसे यहां इस उम्मीद से तैयार किया जा रहा है कि ये युद्ध खत्म होगा और फिर से कारोबार पटरी पर आएगा. अगर युद्ध लंबा छिड़ गया तो भागलपुर को बहुत बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ेगा. बहरहाल युद्ध जैसे हालात पैदा होने के बाद से ही यूक्रेन से ऑर्डरआने बंद होने के बाद सीधा असर भागलपुर के रेशम बाजार पर पड़ा तो है ही साथ ही साथ बुनकरों की आर्थिक हालत भी काफी ज्यादा खराब हो गई है.
हर साल 50 करोड़ का होता था कारोबार
भागलपुर से हर साल रूस यूक्रेन मिलाकर औसतन 50 करोड़ का कारोबार होता है. फिलहाल रूस और यूक्रेन में छिड़े जंग से लगभग 25 करोड़ रूपये का नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. बुनकर इबरार अंसारी ने बताया कि जबसे युद्ध शुरू हुआ है तबसे ही ऑर्डर बंद हो गए है. और जो पहले से ऑर्डर मिला था, उसे यहां इस उम्मीद से तैयार किया जा रहा है कि ये युद्ध खत्म होगा और फिर से कारोबार पटरी पर आएगा.
अगर युद्ध लंबा छिड़ गया तो भागलपुर को बहुत बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ेगा. निर्यातकों के माध्यम से यहाँ के दुपट्टे ,स्कार्फ कुर्ती के कपड़े भेजे जाते थे. अभी निर्यातकों ने भी बनाये हुए ऑर्डरको लेने से मना कर दिया है. बहरहाल युद्ध जैसे हालात पैदा होने के बाद से ही यूक्रेन से ऑर्डरआने बंद होने के बाद सीधा असर भागलपुर के रेशम बाजार पर पड़ा तो है साथ ही साथ बुनकरों की आर्थिक हालत भी काफी ज्यादा खराब हो गई है.
( इनपुट- अश्विनी कुमार )
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