आदित्य बिरला ग्रुप द्वारा दिया गया महात्मा अवार्ड्स सुमेधा कैलाश को बाल आश्रम ट्रस्ट के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है. वहीं, नार्वेजियन सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नार्वे द्वारा उन्हें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
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Patna: बाल अधिकार कार्यकर्ता सुमेधा कैलाश को बाल अधिकारों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए महात्मा अवार्ड्स एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. आदित्य बिरला ग्रुप द्वारा दिया गया महात्मा अवार्ड्स सुमेधा कैलाश को बाल आश्रम ट्रस्ट के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है. वहीं, नार्वेजियन सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नार्वे द्वारा उन्हें महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
बाल अधिकारों के लिए काम कर रही हैं सुमेधा
बता दें कि सुमेधा कैलाश (Sumedha Kailash) बाल आश्रम ट्रस्ट की अध्यक्ष और सहसंस्थापिका हैं. बाल आश्रम मुक्त बाल मजदूरों का भारत का पहला दीर्घकालीन पुनर्वास केंद्र है और यह राजस्थान के विराटनगर की अरावली पहाड़ियों पर स्थित है. सुमेधा कैलाश ने 1997 में 'नोबेल पुरस्कार' (Nobel Prize) विजेता कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) के साथ मिलकर बाल आश्रम की स्थापना की थीं. बाल आश्रम देशभर में बच्चों को भागीदारी तथा बाल नेतृत्व विकसित करने के केंद्र के रूप में अपनी प्रमुख पहचान बना चुका है. आश्रम में रहकर शिक्षा-दीक्षा प्राप्त करने वाले पूर्व बाल मजदूर बच्चों ने इंजीनियर, वकील, गायक और सामाजिक कार्यकर्ता बनकर समाज के सामने एक मिसाल पेश की हैं.
4 दशकों से बाल मजदूरी के खिलाफ जागरुकता फैला रही सुमेधा
जानकारी के अनुार, कैलाश 4 दशकों से बाल मजदूरी के खिलाफ जन-जागरुकता फैला रही हैं. वे बाल श्रम के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए देशभर में हजारों किलोमीटर की यात्रा कर चुकी हैं. उनकी पहल से विराट नगर में रहने वाले बंजारा समुदाय के बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना हुई है, जिसकी वजह से बंजारा समुदाय के बच्चे पहली बार स्कूल जा रहे हैं.
1690 लड़कियों को लिया प्रशिक्षण
सुमेधा कैलाश ने 2009 में विराट नगर में लड़कियों के लिए एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र की भी स्थापना की. इस केंद्र में बाल श्रम और बाल विवाह की शिकार लड़कियों और महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई और कम्प्यूटर के साथ-साथ ब्यूटिशियन की भी ट्रेनिंग दी जाती है. बालिका आश्रम में अब तक 29 गांवों की 1690 लड़कियों ने सफलतापूर्वक व्यावसायिक प्रशिक्षण पूरा किया है.
इन अवॉर्ड्स से हो चुकी है सम्मानित
सुमेधा कैलाश को बाल अधिकारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य के लिए वर्ष 2000 में रामकृष्ण जयदयाल हारमोनी अवार्ड, 2009 में गॉडफ्रे फिलिप ब्रेबरी अवार्ड और वर्ष 2014 में 'आधी आबादी महिला अचिवर्स पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जा चुका है.