Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, राजीव गांधी हत्या मामले में बंद पेरारीवलन को मिली रिहाई
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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, राजीव गांधी हत्या मामले में बंद पेरारीवलन को मिली रिहाई

Supreme Court: बुधवार के दिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में एक अहम फैसला लिया गया है. राजीव गांधी हत्या मामले में सजा काट रहे दोषी एजी पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश जारी किया है. यह फैसला अनुच्छेद 142 के विशेषाधिकार के तहत लिया गया है.

(फाइल फोटो)

Patna: Supreme Court: बुधवार के दिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में एक अहम फैसला लिया गया है. राजीव गांधी हत्या मामले में सजा काट रहे दोषी एजी पेरारीवलन को रिहा करने का आदेश जारी किया है. यह फैसला अनुच्छेद 142 के विशेषाधिकार के तहत लिया गया है. इस मामले में दया याचिका राज्यपाल और राष्ट्रपति के द्वारा रूकी हुई थी जिसके बाद अदालत ने यह बड़ा फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राजीव गांधी के हत्या मामले में जेल में बंद पेरारीवलन  की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है. सुप्रीं कोर्ट का कहना है कि राज्य कैबिनेट का यह फैसला राज्यपाल के लिए रोक है.  सभी दोषियों के लिए जमानत का रास्ता साफ है. 

31 साल से काट रहा जेल में सजा
पेरारीवलन को फिलहाल जमानत पर रिहा किया हुआ है. पेरारीवलन के द्वारा जमानत याचिका डाली गई थी, उसने कहा था कि वह पिछले 31 साल से जेल में बंद है, अब उसे रिहाई मिलनी चाहिए. जिसके बाद इस मामले में 2008 में तमिलनाडु कैबिनट ने उसे रिहाई देने का फैसला किया था. तमिलनाडु के इस फैसले के बाद राज्यपाल ने इस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था. जिसके बाद पेरीरावलन की रिहाई का मामला अटका हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था.

राज्यपाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल खड़े किए
राज्यपाल ने इस मामले को आगे बढ़ा दिया था जिसके कारण काफी समय तक रिहाई रूकी रही जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुनवाई के समय कई बार सवाल उठाये गए. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कानून से बढ़कर कोई भी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल पर सवाल खडे़ करते हुए कहा कि, क्या राज्यपाल किसी भी कैबिनेट के फैसले के खिलाफ जा सकता है? इस प्रकार से कानूनी व्यवस्था पर प्रभाव पडे़गा और संघीय व्यवस्था बर्बाद हो सकती है.  

कानून से ऊपर कोई नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद कहा कि सरकार को हमारे आदेश का पालन करना होगा नहीं तो कोर्ट आदेश पारित करेगा, यदि सरकार कानून का पालन नहीं करेगी तो कोर्ट अपनी आंखें बंद करके नहीं बैठ सकता है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है. इसके अलावा भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई सवाल पूछे उन्होंने कहा कि, क्या राज्यपाल के पास राज्य मंत्रीमंडल द्वारा भेजी गई सिफारिश को बिना फैसला लिए राष्ट्रपति के पास भेजने की शक्ति है? 

पेरारीवलन समेत 7 दोषियों को मिली रिहाई
पेरारीवाल पिछले 31 सालों से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्या मामले में जेल में बंद है. पेरारीवाल के वकील का कहना था कि वह पिछले 31 साल से जेल में सजा काट रहा है. जेल में रहने के बाद उसके आचरण में काफी बदलाव आए हैं, और अब उसे रिहा कर देना चाहिए.  वहीं सितंबर 2018 में तात्कालीन AIADMK की कैबिनेट में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, और पेरारीवलन समेत उम्रकैद की सजा काट रहे बाकी के 7 दोषियों को भी रिहाई के लिए आदेश देने के लिए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को अपनी सिफारिश भेजी गई थी.  राज्यपाल ने काफी समय तक इस मामले में कोई फैसला नहीं दिया. जिसके बाद पेरारीवलन ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की. 

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