सुशील मोदी ने कहा कि बिहार विधानसभा के स्मृति चिह्न में अशोक चक्र के साथ स्वास्तिक चिह्न भी रहे तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. विधानसभा के आधिकारिक लेटरहेड पर भी स्वास्तिक चिह्न का प्रयोग होता है.
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पटना: बिहार बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने स्वास्तिक चिह्न पर उठ रहे विवाद पर कहा है कि स्वास्तिक शुभ चिह्न हमारी हजारों वर्ष पुरानी वैदिक सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा है. इसलिए इस पर राजनीति करना अनावश्यक और दुर्भाग्यपूर्ण है.
इस संबंध में उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने लिखा है कि धर्म निरपेक्षता का अर्थ देश के बड़े वर्ग की आस्था, परंपरा और प्रतीक चिह्न से अनादरपूर्वक दूरी बनाना नहीं होता. हम जब विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर या नारियल फोड़ कर भी करते हैं, तब देश की सांस्कृतिक परंपरा का ही पालन करते हैं. लेकिन फीता काटने की रवायत बंद नहीं की गई है.
स्वास्तिक शुभ चिह्न हमारी हजारों वर्ष पुरानी वैदिक सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा है, इसलिए इस पर राजनीति करना अनावश्यक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
धर्मनिरपेक्षता का अर्थ देश के बड़े वर्ग की आस्था, परम्परा और प्रतीक चिह्न से अनादरपूर्वक दूरी बनाना नहीं होता।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 20, 2022
स्वास्तिक चिह्न पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार विधानसभा के स्मृति चिह्न में अशोक चक्र के साथ स्वास्तिक चिह्न भी रहे तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. विधानसभा के आधिकारिक लेटरहेड पर भी स्वास्तिक चिह्न का प्रयोग होता है.
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भारत का स्वास्तिक चिह्न हिटलर के चिह्न से बिल्कुल भिन्न
बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि जिनके पास जनहित के मुद्दे नहीं हैं, वे कभी वंदेमातरम् गायन का विरोध करते हैं तो कभी स्वास्तिक का विरोध करने लगते हैं.
इनलोगों को यह भी नहीं मालूम है कि भारत का स्वास्तिक चिह्न हिटलर के चिह्न से बिल्कुल भिन्न है. सदियों से भारत में शुभ अवसरों पर स्वास्तिक चिह्न बनाये जाते रहे हैं. लेकिन जिनकी समझ अपने मनीषियों के ग्रंथों की उपेक्षा और भारत-विरोधी लेखकों की चंद किताबें पढ़ाने से बनी हो, केवल वे ही स्वास्तिक से दुराग्रह प्रकट कर सकते हैं.
राजद ने शताब्दी स्तंभ में स्वास्तिक के इस्तेमाल पर की है आपत्ति
बता दें कि बिहार विधानसभा के सामने शताब्दी स्तंभ बन रहा है. स्वास्तिक इसी स्तंभ का एक हिस्सा है जो अब विवाद कारण बन गया है. राजद ने शताब्दी स्तंभ में स्वास्तिक के इस्तेमाल पर आपत्ति की है. राजद का कहना है कि सरकार ने देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को ध्वस्त करते हुए अशोक चक्र की जगह स्वास्तिक चिह्न लगाया है.
(इनपुट-स्वयं प्रकाश)