बाढ़ अनुमंडल के अथमलगोला (Athmal Gola) प्रखंड गंगा नदी के चपेट में हर साल आने वाला पंचायत है. यहां के लोग लंबे समय से शुद्ध पेयजल के लिए काफी समय से लालायित हैं.
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Patna: बाढ़ अनुमंडल के अथमलगोला (Athmal Gola) प्रखंड गंगा नदी के चपेट में हर साल आने वाला पंचायत है. यहां के लोग लंबे समय से शुद्ध पेयजल के लिए काफी समय से लालायित हैं. हालात यह है कि पूरे पंचायत में 12 वार्ड हैं. जहां कई वार्डो में अभी तक नल जल योजना का पानी नहीं पहुंच रहा है.
पीएचईडी विभाग के द्वारा यहां नल जल का प्रोजेक्ट लगाया गया है और वार्ड संख्या 12 में भी एक नल जल का टावर देखने को मिल रहा है, वह भी विद्युत आपूर्ति के अभाव में अक्सर बंद रहता है. यहां नल जल योजना का प्रोजेक्ट लगाया तो गया है, लेकिन यह योजना आज भी पूरी तरह से क्रियान्वित है, जिससे इलाके के लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ठेकेदारों पर वसूली का आरोप
शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों का कहना है कि पीएचईडी के ठेकेदारों के द्वारा नल जल योजना का कनेक्शन लेने के नाम पर 1500 से लेकर 3000 रुपये तक की अवैध वसूली की जाती है. इतना ही नहीं ग्रामीणों को कनेक्शन करने वाले पलंबर को भी 200 से 500 रुपये देना पड़ता है, जिसके चलते काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. अभी पूरे पंचायत में नल जल का पाइप दिखा भी नहीं है, जिसको लेकर लोगों की परेशानी बढ़ गई है. हालात ऐसे है कि यहां के लोग विस्थापित होकर दूसरे पंचायत या फिर एनएच के किनारे अपना रैन बसेरा बना लिए हैं. बता दे कि पंचायत में कहीं-कहीं चापाकल देखने को मिलता है,लेकिन उनपर भी दबंगों ने कब्जा जमा रखा है.
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दबंगों ने चापाकल पर बांधी जंजीर
गांव के लोगों ने ये भी बताया की कई क्षेत्रों में चापाकल की व्यवस्था है, लेकिन उनपर दबंगों द्वारा चापाकल जंजीर लगा दिया जाता है. जिसके चलते आम लोगों को काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने जहां अवैध वसूली की बात कही है, वहीं विभाग के अधिकारी मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए. पीएचईडी विभाग के एसडीओ भी इस मामले पर अनभिज्ञता व्यक्त कर रहे हैं. जबकि प्रखंड विकास पदाधिकारी ने योजना को जल्द से जल्द कराए जाने का आश्वासन दिया है.