शुक्रवार को भी कांग्रेस ने पटना में एक ऐसा पोस्टर लगाया था जिसमें नेताओं की तस्वीर के साथ जाति लिखी गई है. इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में पोस्टर वार शुरू हो गया है.
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पटना: आमतौर पर माना जाता है कि बिहार में जिस पार्टी या गठबंधन की सोशल इंजीनियरिंग बेहतर होती है, वही पार्टी यहां की सत्ता पर काबिज होती है. ऐसे में बिहार में अक्सर जातिगत रैलियां और बैठकें होती रहती है. शुक्रवार को भी कांग्रेस ने पटना में एक ऐसा पोस्टर लगाया था जिसमें नेताओं की तस्वीर के साथ जाति लिखी गई है.
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में पोस्टर वार शुरू हो गया है. कांग्रेस के जातीय पोस्टर के जवाब में बीजेपी ने एक नया पोस्टर लगवाया है जिसमें नेताओं की तस्वीर के साथ जाति की जगह 'भारतीय' लिखा गया है.
आपको बता दें कि कांग्रेस द्वारा लगाए पोस्टर में राहुल गांधी की जाति ब्राह्मण लिखी गई थी जिसके बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया . वहीं, इस पोस्टर के विषय में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा से पूछा गया तो उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि कांग्रेस कभी सवर्ण कार्ड तो कभी दलित कार्ड खेलती है. ऐसे में इस पोस्टर को सामाजिक समरसता के रूप में देखा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस पोस्टर के माध्यम से लगाने वाले ने यह दिखाने की कोशिश की है कि कांग्रेस सभी जातियों को साथ लेकर चलती है. वहीं, इस पोस्टर पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा है कि यह राजनीतिक दिवालियापन है. कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं की जाति और धर्म बता कर वोट लेना चाहती है जो मानसिक दिवालियापन को दिखाता है.
अब बीजेपी के इस पोस्टर के बाद राजनीति क्या करवट लेती है और बाकी पार्टियां कैसी प्रतिक्रिया देती है ये तो समय आने पर ही पता चलेगा.