पटना: संगोष्ठी में धर्मगुरुओं ने कहा- 'मां और बच्चे को स्वस्थ रखना सबसे बड़ा धर्म'
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पटना: संगोष्ठी में धर्मगुरुओं ने कहा- 'मां और बच्चे को स्वस्थ रखना सबसे बड़ा धर्म'

 इस दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्द्याटन आत्म कल्याण केंद्र के आचार्य श्री सुर्दशन जी महाराज सहित कई जाने माने लोगों ने किया. 

भारत सरकार ने नीति आयोग के साथ मिलकर पूरे देश में आकांक्षी 117 जिलों का चयन किया है.

पटना: मंगलवार को बिहार इंटरफेथ फोरम  फॉर चिल्ड्रेन, पीरामल फाउंडेशन( हेल्थ इनिशिएटिव) और यूनिसेफ के द्वारा संयुक्त रूप से बिहार के बच्चों और महिलाओं के विकास के लिए धर्मगुरूओं की संगोष्ठी का आयोजन किया गया.  इस दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्द्याटन आत्म कल्याण केंद्र के आचार्य श्री सुर्दशन जी महाराज सहित कई जाने माने लोगों ने किया. 

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रोफेसर सैयद शमीमुद्दीन अहमद मुनैमी ने कहा कि धर्मगुरू आमतौर पर जो भाषण देते हैं वो धर्म के इतिहास और धार्मिक क्रियाकलापों पर आधारित होता है जबकि जरुरत है हम अपनी प्रवचन, तहरीरों और जुम्मे की नमाज के बाद बच्चों और महिलाओं के मुद्दों पर बात करने की. 

उन्होंने कहा कि कोई धर्म ऐसा नहीं  है जिसमें बच्चों के गर्भ में लिंग की जांच करवाने की बात की गई है और यदि कोई करवा रहा है तो वो सबसे बड़ा अधर्म है. बच्चों को मां का पहला दूध देने से किसी धर्म ने मना नहीं किया.

आचार्य श्री सुदर्शन जी महाराज ने कहा कि बच्चे भगवान के सबसे करीब होते है. हम सबको अपने बेटे और बेटियों को बराबरी के साथ सम्मान और प्यार देना होगा. जमाते इस्लामे हिंद के मो शहजाद ने कहा कि सफाई को इस्लाम में आधा ईमान कहा गया है. बिहार में 2 करोड़ मुस्लिम है तो उनतक टीकाकरण पोषण और स्वास्थ की सही बात को पंहुचाने की जिम्मेदारी हम सब धर्मगुरूओं की है. 

भारत सरकार ने नीति आयोग के साथ मिलकर पूरे देश में आकांक्षी 117 जिलों का चयन किया है जो स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता के मानकों पर पिछड़े है. इनमें से 25 जिले स्वयं नीति आयोग देख रहा है. 

पीरामल फाउंडेशन एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफॉर्मेशन (ADT) प्रोग्राम के तहत इन 25 जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छ पेय जल और शिक्षा के मानकों को सुधारने के लिए लिए नीति आयोग को सहयोग कर रहा है. इनमे से 5 जिले बेगुसराय, कटिहार, अररिया, शेखपुरा और सीतामढ़ी बिहार के है. अपने क्षेत्र में लोगो तक पहुचाएंगे. संगोष्ठी के दूसरे दिन इसके लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी.  

संगोष्ठी में पटना, अररिया, बेगूसराय, कटिहार, शेखपुरा, सीतामढ़ी, पूर्णिया, गया और बांका के हिन्दू, मुस्लिम बौद्ध, सिख, आर्ट ऑफ़ लीविग, आंबेडकर मिशन एवं विभिन्न धर्मों के लगभग 80 धर्म गुरुओं ने भाग लिया. इस इस दौरान  बिहार इंटरफेथ फोरम  फॉर चिल्ड्रेन   के बारे में विकसित सन्दर्भ सामग्री का विमोचन किया गया.