समस्तीपुर: नाराज मतदाताओं के बीच कांग्रेस-लोजपा की जंग, 29 अप्रैल को जनता करेगी फैसला
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar520957

समस्तीपुर: नाराज मतदाताओं के बीच कांग्रेस-लोजपा की जंग, 29 अप्रैल को जनता करेगी फैसला

समस्तीपुर में जनता अपने नेताओं से नाराज दिख रही है. अब 29 अप्रैल को जनता के फैसले का इंतजार नेता कर रहे हैं.

समस्तीपुर में एलजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार आमने सामने हैं. (फाइल फोटो)

समस्तीपुरः 'वोट ले लेते हैं, लेकिन उसके बाद मुड़के नहीं आते हैं, जीतने के बाद कुर्सी पकड़ के बैठ जाते हैं, लेकिन सामने भी तो कैंडिडेटे ठीक नहीं है', यह राय सिर्फ समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के फुलहारा पंचायत के जीतन राम और बैरनी गांव की निरमी देवी की ही नहीं, बल्कि रोसड़ा, कुशेश्वर स्थान से लेकर हायाघाट तक इस सुरक्षित सीट पर एक बड़े तबके की भी राय है. अब यहां कांग्रेस लोजपा के बीच जंग है लेकिन 29 अप्रैल को जनता इसका फैसला कर देगी.

निरमी देवी कहती हैं, 'वोट के समय कहते हैं हमको दीजिए, हमको दीजिए..वोट ले लेते हैं लेकिन उसके बाद मुड़कर नहीं देखते.' फुलहारा पंचायत के जीतन राम कहते हैं कि बिजली, गैस और शौचालय का काम हुआ है लेकिन मुखिया से लेकर ब्लॉक स्तर तक हर काम के लिये घूस देनी पड़ती है. सांसद तो क्षेत्र में आते ही नहीं हैं. 

राजग की ओर से फिर लोजपा ने वर्तमान सांसद रामचंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया है जो केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई हैं. महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने डा. अशोक कुमार को प्रत्याशी बनाया है. 

रोसड़ा, कुशेश्वर स्थान से लेकर हायाघाट तक इस सुरक्षित सीट पर एक बड़ा तबका पासवान के क्षेत्र से दूर रहने की बात कर रहा है. बहरहाल, दूसरे दलों के नेताओं के बारे में भी उनकी राय ज्यादा अलग नहीं है. 

कांग्रेस प्रत्याशी कुमार चुनाव में स्थानीय समस्या के साथ ही देश से जुड़ी समस्याओं को उठा रहे हैं. इसके साथ ही अपनी पार्टी के घोषणापत्र के मुद्दों की जानकारी देकर लोगों से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं.

उनका कहना है कि समस्तीपुर में रामेश्वर जूट मिल की बंदी से कामगारों की समस्या एवं बंद पड़ी चीनी मिल को खुलवाना भी उनका मुख्य मुद्दा है. उन्होंने कहा कि इस बार लोग लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए मतदान करेंगे जिस पर खतरा मंडरा रहा है.

पासवान की ओर से उनके भाई रामविलास पासवान से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जोर लगा रहे हैं. क्षेत्र में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी रैली कर चुके हैं. कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की रैली हुई है.

रामविलास पासवान और रामचंद्र पासवान चुनाव प्रचार में हर गांव में बिजली पहुंचने, हर घर में शौचालय एवं गैस सिलिंडर पहुंचने का जिक्र करते हैं. इस सबके बीच इस सुरक्षित सीट पर सवर्ण मतदाता के लिये 'मोदी फैक्टर' महत्वपूर्ण है. एक बड़े वर्ग का मानना है कि केंद्र सरकार के कामकाज के आधार पर वे वोट करेंगे.

कल्याणपुर के जयवंत सिंह ने कहा, 'हम तो मोदी सरकार के कामकाज के आधार पर ही मतदान करेंगे क्योंकि हमारे समक्ष कोई विकल्प नहीं हैं.' समस्तीपुर के लोगों ने समाजवादी विचारधारा के नेताओं को अपनाने में कभी भी हिचक नहीं दिखाई. इसी वजह से समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र समाजवादियों की पहली पसंद माना जाता है. जब भी देश में किसी मुद्दे को लेकर लहर चली, यहां के वोटर उस लहर पर सवार हुए.

समस्तीपुर से 1977 में पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीते. 1978 के उपचुनाव में और 1980 के आम चुनाव में समाजवादी विचारधारा के नेता व जनता पार्टी के उम्मीदवार अजीत कुमार मेहता को समस्तीपुर ने अपना प्रतिनिधि चुना. 2004 के चुनाव में राजद प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता सांसद बने. लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन में समस्तीपुर अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हो गया और 2009 के चुनाव में यहां से जेडीयू प्रत्याशी महेश्वर हजारी जीते. 2014 के चुनाव में लोजपा के रामचन्द्र पासवान सांसद बने. 

समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र में समस्तीपुर, कल्याणपुर, वारिसनगर एवं रोसड़ा के अलावा हायाघाट और कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं. समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में जदयू के चार, राजद और कांग्रेस के एक-एक विधायक हैं. भाजपा और लोजपा का एक भी विधायक नहीं है.