मुकेश सहनी की ''संकल्प यात्रा'' पहुंची समस्तीपुर, लोगों ने संकल्प लेकर वीआईपी को दिया समर्थन
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मुकेश सहनी की ''संकल्प यात्रा'' पहुंची समस्तीपुर, लोगों ने संकल्प लेकर वीआईपी को दिया समर्थन

Bihar Politics: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी इन दिनों अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा पर निकले हैं. इस यात्रा के दौरान वे मंगलवार को समस्तीपुर जिला पहुंचे. यहां उनकी यात्रा ताजपुर के मोडेस्टी स्कूल से शुरू हुई.

मुकेश सहनी की ''संकल्प यात्रा'' पहुंची समस्तीपुर, लोगों ने संकल्प लेकर वीआईपी को दिया समर्थन

समस्तीपुर:Bihar Politics: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी इन दिनों अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा पर निकले हैं. इस यात्रा के दौरान वे मंगलवार को समस्तीपुर जिला पहुंचे. यहां उनकी यात्रा ताजपुर के मोडेस्टी स्कूल से शुरू हुई. मंगलवार को यात्रा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि निषाद ने पहले भी अपनी ताकत दिखाई है, अब ये आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य के लिए हाथ में गंगाजल लेकर संकल्प भी ले रहे हैं. इस दौरान सहनी ने बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को हाथ में गंगाजल देकर पार्टी वीआईपी को साथ देने और निषादों को आरक्षण दिलाने के लिए संकल्प करवाया. यहां से रवाना होने के बाद लोगों का हुजूम संकल्प यात्रा में साथ आगे बढ़ा.

इसके बाद यह यात्रा चंदौली, मोरवा, बरूना पुल, रायपुर, खेतापुर, जटाडीह चौक, शिव मंदिर पांड होते हुए मछली बाजार, दलसिंहसराय पहुंचा. इस दौरान कई स्थानों पर बड़ी संख्या में युवा मोटरसाइकिल पर सवार होकर '' सन ऑफ मल्लाह '' के रूप चर्चित सहनी की आगवानी की. सहनी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि पिछले कई चुनावों में निषाद के बेटों ने अपनी ताकत का एहसास करा दिया है. अब गंगाजल हाथ में लेने के बाद उन दलों को इसका भी एहसास हो गया है कि निषादों का वोट अब बिकेगा नहीं.

उन्होंने साफ लहजे में कहा कि अब संघर्ष के साथ निर्णय लेने का भी समय आ गया. आज समय आ गया है कि दोस्तों के साथ अगर कृष्ण - सुदामा की तरह दोस्ती निभाई जाए तो दुश्मनों के ईंट का जवाब पत्थर से भी दिया जाए. उन्होंने कहा कि जो हमारी बात नहीं सुनेगा उसकी बात हम भी नहीं सुनेंगे. उन्होंने निषाद आरक्षण के लिए अंतिम दम तक संघर्ष करने का वादा करते हुए कहा कि मेरी इच्छा सिर्फ बस इतना है कि गरीब और निषाद का बेटा भी सिर उठाकर जिंदगी जिए.

इनपुट- स्वप्निल सोनल

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