17 दिन बाद मिला रिटायर्ड फौजी के बेटे आशीष का शव, कटघरे में बिहार पुलिस
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17 दिन बाद मिला रिटायर्ड फौजी के बेटे आशीष का शव, कटघरे में बिहार पुलिस

डुमरांव टेक्सटाइल्स मोहल्ला निवासी रिटायर्ड फौजी गजेंद्र तिवारी का 13 वर्षीय बेटा पिछले 7 अगस्त से लापता था. वह अपने दोस्तों के साथ मेला घूमने गया था, लेकिन लौट कर घर वापस नहीं आया. काफी खोजबीन के बाद जब आशीष नहीं मिला तब उसके परिजनों ने डुमरांव थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया. 

आशीष की फाइल तस्वीर

रवि मिश्रा, बक्सर: 24 अगस्त को बक्सर के डुमरांव से जो खबर आई उसने सभी को झकझोर कर रख दिया है. उसने भी इस खबर के बारे में सुना और जाना उसके होश फाख्ता हो गए. दरअसल, किसी के घर का इकलौता चिराग हमेशा के लिए बुझ गया था. पीड़ित परिवार के परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे और हर कोई बदहवास था. इस खबर के बाद अब कई ऐसे सवाल भी खड़े हो गए, जिनका लोग जबाब ढूंढ रहे हैं. इस खबर के बाद खासकर सोशल मीडिया पर अब बवाल मचा हुआ है और निशाने पर बक्सर पुलिस प्रशासन है.

अब पूरी कहानी भी जान लीजिए. दरअसल, डुमरांव टेक्सटाइल्स मोहल्ला निवासी रिटायर्ड फौजी गजेंद्र तिवारी का 13 वर्षीय बेटा पिछले 7 अगस्त से लापता था. वह अपने दोस्तों के साथ मेला घूमने गया था, लेकिन लौट कर घर वापस नहीं आया. काफी खोजबीन के बाद जब आशीष नहीं मिला तब उसके परिजनों ने डुमरांव थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया. 

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इसी बीच अगले दिन आशीष के मोबाइल से ही उसके पिता को फोन आया और आशीष के अपहरण की बात कहते हुए 30 लाख रुपये फिरौती की मांग की गई और फोन कट हो गया. जब आशीष के पिता ने उस नंबर पर संपर्क किया तो नंबर बंद आने लगा, जिसके बाद घबराए आशीष के पिता ने डुमरांव थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया.

मामला दर्ज किए जाने के बाद पुलिस की ओर से आशीष की खोजबीन शुरू की गई, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया और ना ही फोन करने वाले के बारे में ही पुलिस पता लगा पाई. परिजनों का आरोप है कि बार-बार पुलिसिया चक्कर लगाने के बाद भी ना तो उन्हें कोई ठोस आश्वासन मिला और ना ही कोई कार्रवाई हुई. थक हार कर परिजनों ने मामले की गुहार सूबे के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से लगाई जिसके बाद बक्सर एसपी ने एसआईटी टीम का गठन कर मामले की जांच किए जाने की जानकारी दी.

मामले में एसआईटी की टीम भी कुछ खास नहीं कर पाई. इसी बीच खबर आई कि डुमरांव पावर हाउस से कुछ ही दूरी पर स्थित एक अर्धनिर्मित मकान में एक किशोर का शव पड़ा है. जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जो देखा उसके होश उड़ गए. दरअसल उस खंडहर नुमा मकान में एक छत-विछत शव पड़ा था, जिसकी पहचान कर पाना भी मुश्किल था. 

पुलिस ने कहा कि  शव की पहचान कर पाना मुश्किल है इसलिए पटना से एफएसएल की टीम बुलाई गई है, जो मामले की तफ्तीश करेगी. इस बीच एक किशोर की शव मिलने की सूचना पर लापता आशीष के पिता भी मौके पर पहुंचे जिन्होंने उस शव की पहचान अपने पुत्र आशीष के रूप में की. 17 दिन से लापता किशोर का शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई.

इस घटना के बाद परिजनों के साथ साथ आम लोगों ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाया और इस घटना की निंदा की. मृतक के पिता ने पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाया है और इंसाफ की गुहार लगाई है. मर्माहत करने वाली इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया और हर तरफ से प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. समय रहते आशीष को सकुशल बरामद करने में असफल बक्सर पुलिस उसके हत्यारों को कब तक गिरफ्तार कर पाएगी इस बात का जवाब भी अब तक नहीं मिल पाया है. हालांकि इस बाबत मुख्यालय डीएसपी अरुण कुमार गुप्ता ने कहां है कि मामले की तफ्तीश की जा रही है.

मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के जरिए लोगों ने सूबे के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से भी गुहार लगाई है और कहा है कि डीजीपी महोदय अपने गृह जिले को बचा लीजिए, क्योंकि आए दिन यहां हत्या और लूट जैसी वारदात आम बात हो गई है. सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी गई है कि कल 25 अगस्त को डुमरांव के राजगढ़ चौक पर प्रशासन के खिलाफ दिन के 12 बजे आक्रोश मार्च निकाला जाएगा. साथ ही साथ पोस्ट में यह भी कहा गया है कि अगर 72 घंटों के अंदर हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो इस मामले को लेकर आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

जाहिर है एक तरफ जहां बिहार में लॉयन ऑर्डर को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, वही इस तरह की घटना ने एक बार फिर प्रशासन के समक्ष एक बड़ी चुनौती को पेश कर दिया है. सोशल मीडिया के जरिए  बक्सर एसपी, डुमरांव डीएसपी और केस के आईओ को निलंबित करने की भी मांग  उठाई गई है. ऐसे में प्रशासन क्या कुछ एक्शन लेता है यह भी देखने वाली बात होगी.