Jharkhand News: दुमका में क्रशर खदानों को खुलवाने के लिए प्रदर्शन, दुमका-रामपुरहाट हाईवे को किया जाम
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Jharkhand News: दुमका में क्रशर खदानों को खुलवाने के लिए प्रदर्शन, दुमका-रामपुरहाट हाईवे को किया जाम

दुमका जिले में क्रशर खदानों को खुलवाने को लेकर झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने दुमका-रामपुरहाट हाईवे मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. यह जाम शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के सरसडंगाल गांव के पास लगाया गया है.

Jharkhand News: दुमका में क्रशर खदानों को खुलवाने के लिए प्रदर्शन, दुमका-रामपुरहाट हाईवे को किया जाम

Dumka: दुमका जिले में क्रशर खदानों को खुलवाने को लेकर झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन के सदस्यों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने दुमका-रामपुरहाट हाईवे मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. यह जाम शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के सरसडंगाल गांव के पास लगाया गया है. मजदूर अपनी मांग पूरा करवाने की जिद पर अड़े हुए हैं. 

दुमका-रामपुरहाट हाईवे जाम
दरअसल, दुमका-रामपुरहाट हाईवे के मुख्य मार्ग पर मजदूरों के द्वारा जाम लगा गया. सभी मजदूर क्रशर खदानों खुलवाने की मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें मजदूर यूनियन के सचिव सुभाष मंडल, जिला परिषद सदस्य अविनाश सोरेन, पंचायत के जनप्रतिनिधि सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद है. मजदूर यूनियन संघ के नेता सुभाष मंडल ने कहा कि इस वर्ष बारिश नहीं होने की वजह से सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन के द्वारा पत्थर खदान और क्रशर बंद करा दिया गया है. जिससे लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन उस वक्त तक लगातार जारी रहेगा, जब तक क्रशर खदान खुल नहीं जाते.

मजदूर पलायन को मजबूर
इधर आंदोलन के साथ देने पहुंचे जिला परिषद सदस्य अविनाश सोरेन ने कहा कि जिले के उपायुक्त के आदेश पर क्षेत्र के खदान बंद किए गए हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि वह सभी मजदूरों के साथ खड़े हैं क्योंकि यह उनकी रोजी-रोटी से जुड़ा मामला है.  इधर कुछ ग्रामीणों ने भी कहा कि खदान,क्रशर बंद हो जाने से हमारे सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. मजदूर पलायन के लिए मजबूर हो गए हैं. 

जाम में फंसे लोग
दुमका रामपुरहाट सड़क काफी व्यस्त माना जाता है. ऐसे में जाम लगने से कई वाहन जाम में फंसे हुए हैं. वहीं, मजदूर यूनियन के नेता जिला प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि काफी संख्या में क्षेत्र के लोग बेरोजगार हो गए हैं. लेकिन प्रशासन इसे शुरू नहीं होने दे रहा है. बता दें कि जिस जगह पत्थर खदान खुलवाने की मांग की जा रही है. इस इलाके को कॉल ब्लॉक के रूप में चिन्हित किया गया है. जिसके कारण पत्थर की उत्खनन पर रोक लगा दी गई.  इसे खुलवाने की लगातार मांग की जा रही है.  हालांकि मौके पर सीओ और पुलिस ने पहुंच कर लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास किया. लेकिन ग्रामीण और मजदूर सड़क पर डटे रहे. 

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प्रखंड कार्यालय में बैठक
वहीं, जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे शिकारीपाड़ा अंचलाधिकारी राजू कमल ने कहा कि ग्रामीण को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. ग्रामीण और मजदूर जिला प्रशासन के उचित फोरम में आकर अपनी बातें रखें. इसको लेकर 26 अगस्त को प्रखंड कार्यालय में बैठक बुलाई गई है. वैध क्रेशर माइंस को चलाने में कोई रोक नहीं है. जिला प्रशासन इसकी जांच कर उच्चअधिकारी को इसकी रिपोर्ट सौंपेगी.

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