धनबाद में ग्रामीणों ने दशरथ मांझी की तरह पहाड़ का सीना चीर बनाया रास्ता, सफर होगा आसान
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1505332

धनबाद में ग्रामीणों ने दशरथ मांझी की तरह पहाड़ का सीना चीर बनाया रास्ता, सफर होगा आसान

ग्रामीण नागेश्वर रवानी ने बताया कि देवघरा गांव के लोग श्रमदान से सड़क बनाने में लगे हुए हैं. 12 दिनों से पर्वत चीर कर सड़क निर्माण कर रहे हैं, यह सड़क एक महीने के अंदर में तैयार हो जाएगा.

धनबाद में ग्रामीणों ने दशरथ मांझी की तरह पहाड़ का सीना चीर बनाया रास्ता, सफर होगा आसान

धनाबाद : दशरथ मांझी की कहानी आप लोगों जरूर सुने होंगे, जो अपनी पत्नी की पीड़ा को देखकर पहाड़ का सीना चीर कर रास्ता बनाया. धनबाद में भी दशरथ मांझी से प्रेरणा लेकर गांव के लोगों ने श्रमदान कर पहाड़ का सीना चीर कर रास्ता बना रहे है, ताकि अपने गांव के बच्चे को स्कूल जाने में लम्बा रास्ता तय नहीं करना पड़े.

पहाड़ का सीना चीर ग्रामीण बना रहे रास्ता
बाघमारा प्रखंड के धर्माबांध पंचायत अंतर्गत नीचे 2500 की आवादी वाला देवधरा गांव के ग्रामीणों ने महुदा और कतरास की दूरी को काम करने के लिए एक सौ फीट पहाड़ का सीना चीर कर रास्ता बना रहे है, ताकि महुदा और कतरास की दूरी कम हो सके. ग्रामीण खुद से हाथ में फावड़ा कुदाल गेता लेकर गांव के ही महिला पुरुष पहाड़ को काट कर रास्ता बना रहे है. फिलहाल नीचे देवधरा गांव के ग्रामीण छह किलोमीटर दूरी तय कर महुदा जाते है. रास्ता बन जाने के बाद इसकी दूरी सिर्फ दो किलोमीटर हो जाएगी. साथ ही बाजार और बच्चों के स्कूल जाने के लिए आसान हो जाएगा.

सड़क बनने से ग्रामीणों का सफर होगा आसान
वहीं ग्रामीण नागेश्वर रवानी ने बताया कि देवघरा गांव के लोग श्रमदान से सड़क बनाने में लगे हुए हैं. 12 दिनों से पर्वत चीर कर सड़क निर्माण कर रहे हैं, यह सड़क एक महीने के अंदर में तैयार हो जाएगा. ये रस्ता बनने से फायदा यह होगा कि गांव के लोग आसानी से 2 किलोमीटर का सफर के महुदा बाजार जा सकेंगे. वर्तमान में देवघरा गांव के लोगों के पास मात्र रेलवे ट्रैक की एक उपाय है जिसमें रेल ट्रैक पर आए दिन दुर्घटना हो रही है. जिसके वजह से मजबूरी में रेलवे ट्रेक पर चलकर 7 किलोमीटर की दूरी तय कर महुदा के बाजार पहुंचे है. गांव के दूसरे साइड नदी से पार होने के कारण कई बार इस गांव में हादसा हो चुका है. जिसके वजह से यह गांव चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है. ऐसे में हम ग्रामीण अपने श्रमदान से पहाड़ को चीर कर रास्ता बनाने का काम कर रहे हैं.

दशरत मांझी से प्रेरणा लेकर ग्रामीणों ने शुरू किया सड़क का निर्माण
वहीं ग्रामीण लालू किस्कू ने बताया कि जब दशरथ मांझी एक अकेला व्यक्ति 30 फुट ऊंचा पर्वत को चीरकर 360 फुट लंबी सड़क का निर्माण कर सकते हैं तो हम ग्रामीण इस पहाड़ को चीर कर अपने गांव के लिए सड़क निर्माण क्यों नहीं कर सकते है. दशरथ मांझी को देखकर ही हम गांव के लोगों में प्रेरणा मिली है और बहुत जल्द यह सड़क का निर्माण कर लगे.

इनपुट- नितेश मिश्रा

ये भी पढ़िए- Bihar Nagar Nikay Chunav Live Updates: पटना में दोपहर 3 बजे तक 24.74% वोटिंग, भागलपुर में केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने किया वोट

Trending news