Giridih News: बुधवार को बरहमोरिया स्थित एएनएम हॉस्टल (कोविड सेंटर) में इलाज के अभाव में एक मरीज की तड़प-तड़प कर मौत हो गयी.
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Giridih: कोरोना महामारी के दौरान देश के कई हिस्सों से बेहद दर्दनाक खबर सामने आ रही है. संक्रमण के मामले कम होने के बजाय बढ़ ही रहे हैं. इस बीच, झारखंड के गिरिडीह से एक इंसानियत को शर्मसार करने वाली खबर आई है. एक तरफ गिरिडीह जिला प्रशासन और सरकार लगातार कोरोना संक्रमण को लेकर गंभीर होने का दावा कर रही है, तो वहीं गिरिडीह के कोविड अस्पताल में एक हैरान करने वाली घटना घटी है.
दरअसल, बुधवार को बरहमोरिया स्थित एएनएम हॉस्टल (कोविड सेंटर) में इलाज के अभाव में एक मरीज की तड़प-तड़प कर मौत हो गयी. करीब 40 मिनट तक मरीज अपनी मारुति वैन में कराहता रहा लेकिन न तो चिकित्सकों पर इसका कोई असर पड़ रहा था और न ही नर्स पर. अंतत: मरीज ने अपनी गाड़ी में ही दम तोड़ दिया.
बेंगाबाद प्रखंड के चपुआडीह निवासी आनंद राम (45 वर्ष) की मौत बुधवार को इलाज के अभाव में हो गयी. इसे लेकर परिजनों ने बरहमोरिया स्थित कोविड सेंटर में जमकर बवाल काटा.
परिजनों का आरोप था कि करीब 40 मिनट तक मरीज मारुति वैन में कराहता रहा लेकिन किसी ने उनका समय पर इलाज नहीं किया. इस कारण उसकी मौत हो गयी. इस बाबत मृतक के पुत्र
अमनदीप गुप्ता ने बताया कि उनके पिता आनंद राम की तबियत तीन-चार दिनों से खराब चल रही थी. जिसके बाद तीन दिन पूर्व एंटीजन से गिरिडीह में कोविड जांच कराया गया. रिपोर्ट पॉजिटिव आया जिसके बाद उनके पिता होम आइसोलेट हो गये. बुधवार की सुबह अचानक हिचकी आने लगी जिसके बाद उनके पिता आनंद राम ने गिरिडीह में रह रहे अपने भगना पिंटू से बातचीत की.
इसके बाद उन्हें इलाज के लिए गिरिडीह आने को कहा गया. थोड़ी देर के बाद तबीयत ज्यादा खराब हो गयी जिसके बाद परिजन आनन-फानन में करीब 2.30 बजे मारुति वैन से आनंद राम को बरहमोरिया स्थित कोविड सेंटर लेकर पहुंच गये.
कोविड सेंटर पहुंचने के बाद परिजनों ने चिकित्सक से जल्द से जल्द जांच करने की बात कहने लगे. अमनदीप ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर से कहा कि लगता है उनके पिता जी का ऑक्सीजन लेवल कम हो गया गया जरा जल्दी देख लें.
नर्स बोली- अगर ज्यादा चिल्लाओगे तो मरीज को नहीं देखेंगे-
इस पर डॉक्टर ने कहा कि अभी नर्स लंच करने के लिए गयी है दस मिनट के बाद तुरंत देखता हूं. करीब 40 मिनट तक न तो नर्स आयी और न ही चिकित्सक ने उनके पिता को देखा. जब तबीयत अधिक खराब होने लगी तो परिजनों ने हल्ला करना शुरू किया तो नर्स बाहर निकल कर कहती है कि अगर ज्यादा चिल्लाओगे तो मरीज को नहीं देखेंगे.
परिजनों ने लगाया लापरवाही बरतने का आरोप-
कुछ देर के बाद उनके पिता को इलाज के लिए लेकर अंदर गये लेकिन करीब 5 मिनट के अंदर ही उनके पिता की मौत हो गयी. इधर इस घटना के बाद मृतक के परिजनों ने डॉ. अरुण कुमार पर इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर अस्पताल में जमकर हंगामा किया. इस बाबत पिंटू तरवे, आशुतोष तिवारी, राजन सिन्हा आदि ने बताया कि डॉ.. अरुण कुमार को करीब 40 मिनट तक इलाज करने को लेकर कहा जा रहा था लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं सुनी और अपनी जिद पर अड़े रहे. उनकी लापरवाही के कारण मरीज की मौत हो गयी.
बेटी की डोली के पहले उठी पिता की अर्थी
इधर मृतक के भांजा पिंटू तरवे ने बताया कि 14 मई को उनके मामा आनंद राम की पुत्री श्वेता गुप्ता की शादी होनी थी. शादी को लेकर सारी तैयारियां लगभग पूरी हो गयी थी. श्वेता उनकी इकलौती बेटी थी इसलिए शादी काफी धूमधाम से करने का मन था. घर में लगभग सभी सामान आ गया था. सभी को लग रहा था कि आनंद राम की तबियत दो-चार दिन में ठीक हो जायेगी. लेकिन इसी बीच यह दर्दनाक घटना घटित हो गयी जिसके बाद पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है.
डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
चिकित्सक की लापरवाही के कारण चपुआडीह निवासी आनंद राम की हुई मौत के मामले में गिरिडीह के सिविल सर्जन डॉ. सिद्धार्थ सान्याल ने बताया कि डॉ. अरुण कुमार के खिलाफ शिकायत मिली है, बरहमोरिया में एक मरीज आया था जिसको देखने में लापरवाही की गयी. कहा कि इस तरह की संवेदनहीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी. डॉ.. अरुण के खिलाफ सचिव को कार्रवाई के लिए लिखा जा रहा है.
(इनपुट- मृणाल सिन्हा)