धनबाद के युवा बड़ी संख्या में गंवा रहे जान, 10 महीने में 2500 से अधिक मौतें
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धनबाद के युवा बड़ी संख्या में गंवा रहे जान, 10 महीने में 2500 से अधिक मौतें

कोयलांचल की सड़कों पर इन दिनों दुर्घटनाएं अकाल मौत बांट रही हैं. कोई दिन ऐसा नहीं, जब सड़क दुर्घटना में एक-दो लोगों ने जान न गंवाई हो.

(फाइल फोटो)

धनबाद : कोयलांचल की सड़कों पर इन दिनों दुर्घटनाएं अकाल मौत बांट रही हैं. कोई दिन ऐसा नहीं, जब सड़क दुर्घटना में एक-दो लोगों ने जान न गंवाई हो. बस, ट्रक, हाइवा, कार और बाइक की टक्कर या पलटने की घटनाओं में लोग या तो दुर्घटनास्थल पर ही दम तोड़ देते हैं या फिर अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है. अनियंत्रित हाइवा से लोगों के कुचलने की घटना तो आम है. जिसके कारण आये दिन सड़क भी जाम रहता है. इन हादसों का सबसे अधिक शिकार तेज रफ्तार बाइक सवार हो रहे हैं. क्या है इन हादसों की वजह और रोजना कितने लोग ऐसे ही हादसों को वजह से तोड़ रहे हैं देखें रिपोर्ट- 

धनबाद जिले के सबसे बड़े अस्पताल एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में पिछले 10 माह के अंदर लगभग 2701 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें 327 मामले मृत अवस्था में अस्पताल लाये गए मरीजों की है. वहीं अगर आंकड़ों की बात करें तो एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी में हर रोज दो दर्जन से भी अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले सड़क दुर्घटना, जहर खाने, फांसी और जलने के होते हैं. हालांकि इलाज के बाद इनमें लगभग 56 से 70 प्रतिशत लोग स्वस्थ होकर अपने घर चले जाते हैं. लेकिन कुछ लोगों की मौत हो जाती है. वहीं कुछ जख्मी या अन्य जानलेवा बीमारी से ग्रस्त लोग अस्पताल पहुंचने से पहले ही काल के गाल में समा जाते हैं. पिछले दस माह में ऐसे 327 मामले एसएनएमएमसीएच में आ चुके हैं.

एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी में मौजूद कर्मियों के अनुसार प्रतिदिन जिले के विभिन्न क्षेत्र से 25 से 30 मामले सड़क दुर्घटनाओं, जहर खाने, फांसी, आग लगने और आपसी विवाद में जख्मी पीड़ितों के होते हैं. साधारण जख्मी 12 से 15 मरीज इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं, जबकि गंभीर चोट के 5 से 6 मरीजों की मौत इलाज के दौरान ही हो जाती है. इनमें 2 या 3 और कभी-कभी 5 से 7 मरीज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके होते हैं. ऐसे मामलों में एसएनएमएमसीएच पहुंचने वालों में झरिया, सिंदरी, पाथरडीह, कतरास, केन्दुआ, पुटकी, मुनीडीह, बाघमारा, सोनारडीह, तेतुलमारी, तोपचांची, निमिया घाट, बरवाअड्डा,गोविंदपुर, टुंडी, पूर्वी टुंडी, बलियापुर, निरसा के लोग होते हैं.

अब हम आपको बताते हैं कि जनवरी से अक्टूबर तक इन 10 महीनों में एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी में कब कितनी मौत हुई हैं. जनवरी में 235, फरवरी में 245, मार्च  में 260, अप्रैल में  220, मई में 265 , जून  में  210, जुलाई  में 230 , अगस्त  में 216 , सितंबर  में 238 और अक्टूबर में 255 लोगों ने अपनी जान गंवाई. इनमें 330 मौतें ऐसा हैं जिन्हें मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था. 
(रिपोर्ट- नीतेश कुमार मिश्रा)

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