पर्यवेक्षण गृह से फरार कैदी मामले में बड़ी कार्रवाई, अधीक्षक सहित 8 कर्मी गिरफ्तार
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar526509

पर्यवेक्षण गृह से फरार कैदी मामले में बड़ी कार्रवाई, अधीक्षक सहित 8 कर्मी गिरफ्तार

फरार बाल कैदियों पर हत्या, बलात्कार और लड़की भगाने जैसे संगीन मामले दर्थ थे. आश्चर्यजनक बात यह है कि ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को भनक तक नहीं लगी.

बाथरूम का रॉड काटकर फरार हुए चारों किशोर.

दीपक विश्वकर्मा, बिहारशरीफ : बिहार के बिहारशरीफ के दीपनगर थाना क्षेत्र स्थित पर्यवेक्षण-गृह के बाथरूम से रॉड काटकर रात में फरार हुए चार बाल कैदियों के मामले में कार्रवाई करते हुए होमगार्ड के जवान सहित 8 कर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने जांच के बाद इन लोगों के विरुद्ध थाने में मामला दर्ज कराया था.

फरार बाल कैदियों पर हत्या, बलात्कार और लड़की भगाने जैसे संगीन मामले दर्थ थे. आश्चर्यजनक बात यह है कि ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को भनक तक नहीं लगी. सुबह गिनती के बाद चारों किशोर के भागने के बारे में जानकारी मिली. जानकारी मिलते ही डीएम योगेंद्र सिंह पर्यवेक्षण गृह पहुंचे और पूरे मामले की गंभीरता से जांच की और कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इससे पूर्व डीएम, एसपी और किशोर न्याय परिषद के न्यायाधीश ने बाल गृह की तलाशी के दौरान मोबाइल और गांजा बरामद किया था.

सूत्रों की मानें तो पर्यवेक्षण गृह से फरार एक आरोपी एकंगरसराय के बहुचर्चित ऋतिक हत्याकांड में शामिल रहा था. हालांकि वह पहले भी गिरफ्तारी के बाद एकंगरसराय थाने से फरार हो गया था. उसके फरार होने के बाद पुलिस ने उसे आंध्रप्रदेश से गिरफ्तार किया था. बाकी तीनों दुष्कर्म, बाइक चोरी और किशोरी भगाने का आरोपी हैं.

बाथरूम का रॉड काटकर फरार हुए चारों किशोर
सुनियोजित तरीके से रविवार को करीब तीन बजे सभी किशोर बाथरूम के गलियारे में लगी खिड़की का रॉड काटकर फरार हो गए थे. हैरानी की बात यह है कि सुरक्षा में तैनात कर्मी और अन्य कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी.

उपाधीक्षक की मिली भगत से बच्चे हुए फरार 
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टिकोण से पूर्व में भी आदेश दिए गए थे, लेकिन पालन नहीं किया जा रहा था. इसके लिए अधीक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की थी, मगर उन्होनें जवाब नहीं दिया. इन्हीं सब बातों को लेकर जब जांच किया गया तो पता चला कि अधीक्षक की लापरवाही से यहां घोर कुव्यवस्था व्याप्त है. इन बाल कैदियों से जो भी मिलने आता था या खाने का सामान देता थे, उसकी पूरी तरह जांच नहीं की जाती थी. सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहते हुए इसका पालन नहीं किया जा रहा था. इसके कारण यहां से बच्चे फरार हो गए. साथ ही बच्चों को पकड़ने के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया है. टीम लगातार छापेमारी कर रही है.