Bihar Home Guard Vacancy: होमगार्ड के 229 पदों के लिए 11 साल पहले 2011 बहाली निकली थी. इसके लिए 15 हजार से अधिक आवेदन आए थे.
Trending Photos
जहानाबाद:Bihar Home Guard Vacancy: लंबे समय से अधर में होमगार्ड बहाली के अंतिम दिन कड़ी सुरक्षा में महिलाओं की बहाली ली गई. जिसमें 372 महिलाएं शामिल हुईं. बता दें के लिए होमगार्ड के इस बहाली के लिए 2011 में आवेदन निकाला गया था,जिसके 11 बाद 2022 में इसकी बहाली प्रक्रिया पूरी हुई.
372 महिलाएं दौड़ में शामिल
जहानाबाद के एरोड्राम स्टेडियम में बहाली के अंतिम दिन महिलाओं की दौड़ हुई. इस दौड़ में 1056 आवेदकों में से 372 महिलाएं दौड़ में शामिल हुईं. इस दौरान कुछ ऐसा देखने को मिला जिसे देखकर हर कोई हैरान था. कुछ महिलाएं दौड़ में शामिल होने के लिए बच्चों के साथ आई थीं. दरअसल, महिला आवेदकों ने जब होमगार्ड बहाली के लिए आवेदन किया था, तब लगभग सभी आवेदनकर्ताओं की उम्र 19 साल के आस-पास थी. बहाली में 11 साल की देरी होने के कारण अब किसी की उम्र 30 साल हो चुकी है. वहीं कुछ आवेदनकर्ताओं की शादी हो चुकी है और दो से तीन बच्चों की मां तक बन गई है.
2011 में निकली बहाली
11 साल जब बहाली शुरू हुई तो कइयों की फिटनेस पहले जैसी नहीं थी. बहाली में शामिल होने आई हुलासगंज प्रखंड क्षेत्र की रेशम कुमारी ने बताया कि उन्होंने जब आवेदन दिया था, तब वो अविवाहित थीं.अब उनके तीन बच्चे हैं. पहले जैसा अब फिटनेस भी नही है, जिसके चलके वो दौड़ में असफल हो गई. वहीं घोसी प्रखंड के सिंकू कुमारी ने बताया कि समय पर बहाली नहीं होने के कारण वह चार बच्चों की मां बन गई हैं, लेकिन फिर भी वो वह अभ्यास करके बहाली प्रक्रिया में भाग लेने आयी है. बता दें कि होमगार्ड के 229 पदों के लिए 11 साल पहले 2011 बहाली निकली थी. इसके लिए 15 हजार से अधिक आवेदन आए थे.
ये भी पढ़ें- Sarkari Naukri 2022 : इन विभागों में युवा पाएं सरकारी नौकरी, जानें आवेदन प्रक्रिया
210 महिला अभ्यर्थी सफल
होमगार्ड के कमांडेंट प्रभा कुमारी ने बताया कि आज जिले के सभी प्रखंड के महिला अभ्यर्थियों की बहाली ली जा रही है. जिसमें दसवें राउंड में 372 अभ्यर्थियों में से 210 महिला अभ्यर्थी सफल हो गयी है. अभी बहाली की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा सफलता प्राप्त कर रही है. हालांकि 11 साल बाद शुरू हुई बहाली की प्रक्रिया को लेकर कुछ लोगों के मन में खुशी है तो वहीं कुछ ऐसी महिलाएं भी थी जिन्हें दौड़ में निराशा हाथ लगी. असफल अभ्यर्थियों ने इसका ठीकरा वक्त पर फोड़ रही थी.